लखनऊ, 13 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएम आवास योजना) के तहत योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने ढाई लाख लोगों को पक्के घर उपलब्ध कराने के लिए 735 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। यह कदम गरीब और जरूरतमंद परिवारों को आवास का अधिकार दिलाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। पीएम आवास योजना, जो केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, का उद्देश्य ‘सबका घर’ सुनिश्चित करना है।
इसे भी पढ़ें- ट्रंप के MAGA सहयोगी चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या, अमेरिका में राजनीतिक हिंसा का भयावह रूप
उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में जहां लाखों लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं, यह फैसला सामाजिक न्याय और विकास की गति को तेज करेगा। योजना के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी) और मध्यम आय समूह (एमआईजी) के परिवारों को लाभ मिलेगा। योगी सरकार ने न केवल धनराशि स्वीकृत की है, बल्कि निर्माण कार्य को गति देने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश भी जारी किए हैं। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में निर्माण तेज होगा।
पिछले वर्षों में उत्तर प्रदेश में पीएम आवास योजना के अंतर्गत लाखों घर बनाए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी कई परिवार इंतजार में हैं। इस नई स्वीकृति से लगभग ढाई लाख परिवारों का सपना साकार होगा, जो राज्य की जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करेगा। आवास योजना की खासियत यह है कि यह केवल घर निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल तकनीक और बुनियादी सुविधाओं को भी सुनिश्चित करती है। प्रत्येक लाभार्थी को केंद्र और राज्य सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसमें ब्याज सब्सिडी और सीधी धनराशि हस्तांतरण शामिल है।
उत्तर प्रदेश में यह योजना ग्रामीण विकास विभाग और शहरी विकास विभाग के सहयोग से चलाई जा रही है। योगी सरकार ने बजट में इस योजना के लिए विशेष प्रावधान किया है, जो 2025-26 के वित्तीय वर्ष में और वृद्धि का संकेत देता है। निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। लाभार्थी अपनी आवेदन स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकेंगे। विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यांगों और वृद्धजनों को प्राथमिकता दी जाएगी।
योजना से जुड़े आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अब तक करोड़ों की संख्या में घर स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन इस नई मंजूरी से लक्ष्य प्राप्ति में तेजी आएगी। इसके अलावा, योजना स्वच्छ भारत अभियान और उज्ज्वला योजना जैसे अन्य कार्यक्रमों से जुड़ी हुई है, जिससे लाभार्थियों को बहुआयामी लाभ मिलेगा। यह निर्णय उत्तर प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक संरचना को मजबूत करेगा। ढाई लाख घरों से न केवल बेघरों को आश्रय मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
निर्माण कार्य से स्थानीय मजदूरों, ठेकेदारों और सामग्री आपूर्तिकर्ताओं को लाभ होगा। योगी सरकार का यह प्रयास 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले ग्रामीण आधार को मजबूत करने का भी माध्यम बनेगा। केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना 2.0 के तहत अब तक देशभर में करोड़ों घर बनाए जा चुके हैं, और उत्तर प्रदेश इस दौड़ में अग्रणी है।
हालांकि, चुनौतियां बनी हुई हैं, जैसे भूमि अधिग्रहण और संसाधनों की कमी, लेकिन सरकार का दावा है कि समयबद्ध तरीके से कार्य पूरा किया जाएगा। इस योजना से राज्य में गरीबी उन्मूलन और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर, 735 करोड़ रुपये की यह स्वीकृति गरीबों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में सहायक होगी।
इसे भी पढ़ें- Rahul Gandhi Visit to Rae Bareli: योगी के मंत्री ने लगवाए ‘वापस जाओ’ के नारे, रोका कफिला, कहा- माफ़ी मांगें