मथुरा, 5 सितंबर 2025। Yamuna River: उत्तर प्रदेश में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसके चलते मथुरा जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। लगातार हो रही बारिश और नदी में पानी की अधिकता के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। प्रशासन ने एहतियातन नाव संचालन पर भी रोक लगा दी है, जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
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यमुना नदी के उफान ने मथुरा के निचले इलाकों में तबाही मचा दी है। कई गांवों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है और लोगों के घरों में पानी घुस गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के कारण उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं और पशुओं के लिए चारे की कमी हो रही है। कई परिवार ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
आपदा प्रबंधन टीमें गांवों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही हैं। हालांकि, नाव संचालन पर रोक के कारण बचाव कार्यों में देरी हो रही है। प्रशासन ने नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में यमुना का जलस्तर बढ़ता है, लेकिन इस बार स्थिति अधिक गंभीर है।
नदी के कटाव के कारण कई गांवों की जमीन नदी में समा रही है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। जिला प्रशासन ने नदी के आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। बाढ़ के कारण मथुरा-वृंदावन मार्ग पर भी यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे पर्यटकों को भी असुविधा हो रही है।
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