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VP Polls: भारत को आज मिलेगा नया उपराष्ट्रपति, सीपी राधाकृष्णन बनाम बी सुदर्शन रेड्डी, जानें दोनों दावेदारों की पूरी कहानी

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नई दिल्ली, 9 सितंबर 2025। VP Polls: भारत आज, 9 सितंबर 2025 को अपने 15वें उपराष्ट्रपति का चयन करने के लिए तैयार है। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हो रहा है, जिन्होंने गत 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इस उच्चस्तरीय संवैधानिक पद के लिए आज संसद भवन में मतदान शुरू हो चुका है, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी सुधर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। यह लेख दोनों उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि, उनके राजनीतिक और सामाजिक योगदान, और इस चुनाव की गतिशीलता पर विस्तार से प्रकाश डालता है।

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चुनाव प्रक्रिया और संख्या 

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य शामिल हैं। इस बार निर्वाचक मंडल में कुल 781 सदस्य हैं, जिनमें 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत राज्यसभा सदस्य, साथ ही 543 लोकसभा सदस्य शामिल हैं। बहुमत के लिए 391 वोटों की आवश्यकता है। एनडीए, जिसके पास 422 सांसदों का समर्थन है, को संख्याओं के आधार पर स्पष्ट बढ़त प्राप्त है।

दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक के पास 324 सांसदों का समर्थन है, जो इसे एक कठिन लेकिन संभावनाओं से भरा मुकाबला बनाता है। गुप्त मतदान की प्रणाली और पार्टी व्हिप की अनुपस्थिति के कारण क्रॉस-वोटिंग की संभावना भी बनी हुई है, जो परिणाम को प्रभावित कर सकती है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के वसुधा हॉल (कमरा नंबर F-101) में होगा। मतों की गिनती शाम 6 बजे शुरू होगी और परिणाम देर शाम तक घोषित होने की उम्मीद है। इस प्रक्रिया की निगरानी राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी कर रहे हैं, जो इस चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर हैं।

सीपी राधाकृष्णन

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एनडीए ने महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल और अनुभवी भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। 67 वर्षीय राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर चार दशकों से अधिक का है। वे तमिलनाडु में भाजपा के मजबूत आधार स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल को दक्षिण भारत में पार्टी की नींव रखने के लिए जाना जाता है। राधाकृष्णन ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद के रूप में सेवा की और बाद में झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में अपनी प्रशासनिक क्षमता साबित की।

राधाकृष्णन का अनुभव और एनडीए की संख्यात्मक ताकत उन्हें इस दौड़ में मजबूत दावेदार बनाती है। उनके समर्थन में वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों का साथ है, जिसने स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में मतदान करने की घोषणा की है। इसके अलावा, एनडीए ने अपने सांसदों को मतदान प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराने के लिए मॉक पोल आयोजित किए, ताकि कोई भी वोट अमान्य न हो। राधाकृष्णन ने मतदान से पहले दिल्ली के लोधी रोड राम मंदिर में पूजा-अर्चना की और जीत के प्रति आश्वस्त दिखे।

बी सुदर्शन रेड्डी

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विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने 79 वर्षीय पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। रेड्डी भारत के पहले ऐसे सुप्रीम कोर्ट जज हैं, जो उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी कानूनी और न्यायिक पृष्ठभूमि उन्हें एक विशिष्ट उम्मीदवार बनाती है। रेड्डी ने अपने करियर में सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जिसके कारण उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन प्राप्त है।

इंडिया ब्लॉक ने इस चुनाव को एक “वैचारिक युद्ध” के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने सांसदों से “भारत की आत्मा” के साथ मतदान करने की अपील की है। रेड्डी को AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, हनुमान बेनीवाल और चंद्रशेखर आजाद जैसे नेताओं का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी रेड्डी की जीत की संभावना पर भरोसा जताया है। रेड्डी ने मतदान से पहले कहा, “मुझे जनता का प्यार और सिविल सोसाइटी से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।”

हालांकि, संख्याओं के आधार पर उनकी राह कठिन है, लेकिन विपक्ष क्रॉस-वोटिंग और सांसदों की अंतरात्मा की आवाज पर भरोसा कर रहा है।तटस्थ पार्टियों की भूमिकाइस चुनाव में कई क्षेत्रीय दल जैसे बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने मतदान से दूरी बनाने का फैसला किया है। इन दलों का कहना है कि वे राष्ट्रीय गठबंधनों से स्वतंत्र रहकर अपने राज्य-स्तरीय मुद्दों पर ध्यान देना चाहते हैं। इनके तटस्थ रहने से एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों के लिए समीकरण और जटिल हो गए हैं।

मतदान और परिणाम की प्रतीक्षाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10 बजे सबसे पहले अपना वोट डाला, जिसके बाद अन्य सांसदों ने मतदान शुरू किया। दोनों गठबंधनों ने अपने सांसदों को मतदान प्रक्रिया के लिए तैयार करने के लिए व्यापक इंतजाम किए। विपक्ष ने खासतौर पर सांसदों को सलाह दी कि वे केवल अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए ‘1’ अंकित करें, ताकि कोई वोट अमान्य न हो। 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में कुछ वोटों के अमान्य होने की घटना को ध्यान में रखते हुए यह सावधानी बरती गई।

यह उपराष्ट्रपति चुनाव न केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया है, बल्कि भारत की राजनीतिक गतिशीलता का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन भी है। सीपी राधाकृष्णन की अनुभवी राजनीतिक पृष्ठभूमि और एनडीए की संख्यात्मक ताकत उन्हें प्रबल दावेदार बनाती है, जबकि बी सुधर्शन रेड्डी की न्यायिक विरासत और विपक्ष का वैचारिक जोश इस मुकाबले को रोचक बनाता है। गुप्त मतदान और क्रॉस-वोटिंग की संभावना के कारण परिणाम में अनिश्चितता बनी हुई है। आज रात तक भारत को अपना नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा, जो देश के संवैधानिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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