नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2025। Voter List Revision: भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि बिहार में सफलतापूर्वक संपन्न पहले चरण के बाद अब यह दूसरा चरण 28 अक्टूबर से शुरू होगा और 7 फरवरी 2026 तक चलेगा।
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इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाना है, ताकि फर्जी वोटर्स हटाए जा सकें और नए योग्य मतदाताओं को शामिल किया जा सके। आयोग के अनुसार, आज रात 12 बजे से इन 12 क्षेत्रों में वोटर लिस्ट पूरी तरह फ्रीज हो जाएगी, जिसके बाद कोई बदलाव संभव नहीं होगा जब तक SIR पूरी न हो। SIR प्रक्रिया बिहार की तर्ज पर चलेगी, जहां साढ़े सात करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया और कोई अपील नहीं आई।
आयोग ने स्पष्ट किया कि यह 21 साल बाद समीक्षा हो रही है क्योंकि शहरीकरण, पलायन और दोहरी एंट्री जैसी समस्याओं से सूची में खामियां आ गई हैं। देश में कुल 99 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, और SIR से इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। मुख्य आयुक्त ने कहा, “SIR से कोई पात्र मतदाता छूटेगा नहीं और कोई अपात्र शामिल नहीं होगा।” प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) हर घर पहुंचेंगे, एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित करेंगे और 2003-04 की पुरानी लिस्ट से मिलान करेंगे। यदि नाम मेल खाता है, तो कोई दस्तावेज जरूरी नहीं। BLO तीन बार घर जाएंगे, और ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी रहेगी। मृत, स्थानांतरित या दोहरी रजिस्ट्री वाले नाम हटाए जाएंगे।
अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में शुरू होने जा रहा है SIR। इनमें से कई में 2026 में विधानसभा चुनाव हैं, इसलिए प्राथमिकता दी गई। कल से BLO और एरियल इलेक्शन रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (AERO) की ट्रेनिंग शुरू होगी। राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि वे बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करें। आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग की योजना बनाई है। यदि फाइनल लिस्ट प्रकाशित होने के बाद शिकायत हो, तो पहले जिला मजिस्ट्रेट (DM) और फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास अपील की जा सकती है।
ये है SIR कराने की वजह
राजनीतिक दलों की शिकायतें, दोहरी एंट्री, मृतकों के नाम न हटना और अवैध प्रवासियों की जांच। बिहार में 90 हजार BLO ने सफलतापूर्वक काम किया, जो अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनेगा। यह कदम लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए। आयोग ने चेतावनी दी कि फॉर्म 6 से नए नाम जोड़ने और फॉर्म 7 से हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी। नागरिकों से अपील है कि वे सक्रिय भाग लें। इस पहल से मतदान प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष बनेगी।
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