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Vote Theft Controversy: राहुल गांधी से फिर हलफनामा मांगकर ECI ने बढ़ाया सियासी तापमान

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Vote Theft Controversy

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नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025। Vote Theft Controversy: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग (ECI) पर लगाए गए वोट चोरी के गंभीर आरोपों ने देश में सियासी हलचल मचा दी है। राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में हेरफेर और फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उनके पास इसके “पुख्ता सबूत” हैं।

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जवाब में, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके दावों को शपथ पत्र (हलफनामा) के साथ औपचारिक रूप से प्रस्तुत करने की मांग की है। यह दूसरी बार है जब आयोग ने गांधी से सबूत मांगे हैं, जिससे ECI की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी ने बेंगलुरु में आयोजित ‘वोट अधिकार रैली’ में कहा कि चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मिलकर 2024 के लोकसभा चुनावों में धांधली की।

उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख से अधिक फर्जी वोटर जोड़े जाने और महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए मतदाताओं के अचानक शामिल होने का दावा किया। गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि ECI ने डिजिटल मतदाता सूची और वीडियोग्राफी के रिकॉर्ड देने से इनकार कर दिया, साथ ही कुछ राज्यों में वेबसाइट बंद कर दी ताकि गड़बड़ियों पर सवाल न उठें। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को “निराधार” और “गैर-जिम्मेदाराना” बताते हुए खारिज किया है।

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर 7 अगस्त को बेंगलुरु में पेश किए गए दस्तावेजों को शपथ पत्र के साथ जमा करने को कहा। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची पारदर्शी तरीके से तैयार की गई थी और कांग्रेस ने इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की। ECI ने कहा कि यदि गांधी अपने दावों को सही मानते हैं, तो उन्हें पंजीकरण ऑफ इलेक्टर्स नियम, 1960 के तहत हलफनामा देना होगा, जिसमें अनियमितता वाले मतदाताओं के नाम शामिल हों।

विवाद तब और गहरा गया जब राहुल गांधी ने ECI को चेतावनी दी कि उनके पास “परमाणु बम” जैसे सबूत हैं, जो सामने आने पर आयोग की विश्वसनीयता को चुनौती दे सकते हैं। दूसरी ओर, बीजेपी ने राहुल के बयानों को संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करार दिया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी की भाषा संवैधानिक संस्थाओं के कर्मचारियों का अपमान है और उनके दावे झूठे हैं। इस बीच, बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर भी विपक्षी दलों ने ECI पर सवाल उठाए हैं।

राहुल गांधी ने दावा किया कि आयोग ने बिहार में डिजिटल मतदाता सूची को हटाकर स्कैन कॉपी अपलोड की, जिससे गड़बड़ियों की जांच मुश्किल हो गई। ECI ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी है। यह विवाद भारतीय लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर एक नई बहस छेड़ रहा है। राहुल गांधी के आरोप और ECI की प्रतिक्रिया ने सियासी माहौल को और गर्मा दिया है, जिसका असर आने वाले समय में और गहरा सकता है।

 

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