लखनऊ, 19 सितंबर 2025। UP Elections 2027: उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में हाईकमान की हालिया बैठक में एक खास रणनीति पर मुहर लगाई गई, जो भाजपा की सत्ता को चुनौती देने के लिए तैयार की गई है। 2024 लोकसभा चुनावों में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सफलता से उत्साहित अखिलेश ने इंडिया गठबंधन को मजबूत रखने का ऐलान किया है।
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बैठक में तय हुआ कि सपा 108 कमजोर सीटों पर विशेष फोकस करेगी, जहां पिछले तीन चुनावों में हार मिली थी। इन सीटों पर पूर्व विधायकों को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है, जो स्थानीय नेताओं से जातिगत समीकरण, वोटर शिफ्टिंग और आंतरिक कलह की रिपोर्ट अखिलेश को सौंपेंगे। सपा का मास्टर प्लान PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर आधारित है, जिसे अब ‘पसमांडा’ समुदाय को शामिल कर और मजबूत किया जाएगा। अखिलेश ने कहा, “PDA कोई फॉर्मूला नहीं, बल्कि भावनात्मक गठजोड़ है। पीड़ित, दुखी और अपमानित समाज इसका हिस्सा है।”
पार्टी ने गुर्जर, राजभर और अन्य ओबीसी जातियों पर नजर रखी है, ताकि भाजपा का ओबीसी वोट बैंक चूर-चूर हो। हाईकमान ने निर्देश दिए कि चुनाव से महीनों पहले उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी, जैसा 2012 में हुआ था। लेकिन इस बार टिकट वितरण में सर्वे को आधार बनाया जाएगा, बिना सर्वे किसी को टिकट नहीं। यह रणनीति 2017 की गलतियों से सबक लेते हुए अपनाई गई है।
बैठक में पंचायत चुनावों (2026) को भी 2027 का सेमीफाइनल माना गया। सपा पश्चिमी यूपी में गुर्जर समाज की पैठ बढ़ाने और पूर्वांचल में राजभर वोटों को साधने पर जोर देगी। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं को भाजपा की ‘चुनावी साजिशों’ से सावधान रहने को कहा, खासकर मतदाता सूची में हेरफेर से। पार्टी ने आगरा, मथुरा और हाथरस जैसे जिलों के लिए अलग-अलग घोषणापत्र तैयार करने का फैसला लिया है, जिसमें पर्यटन और विकास पर फोकस होगा।
उदाहरण के तौर पर, अखिलेश ने राजा सुहेलदेव की अष्टधातु की तलवार वाली प्रतिमा लगाने का वादा किया, जो राजभर समाज को लुभाने का प्रयास है। 2024 में 37 सीटें जीतकर सपा ने साबित किया कि PDA कामयाब है। अब 2027 में 403 सीटों पर दांव लग रहा है। हाईकमान का मानना है कि इंडिया गठबंधन बरकरार रहेगा, भले ही सीट बंटवारे पर विवाद हो। अखिलेश ने कहा, “इंडिया गठबंधन बना रहेगा, असंतुष्ट चले जाएं।” यह प्लान न केवल भाजपा को पटखनी देने का लक्ष्य रखता है, बल्कि यूपी की राजनीति को नया आकार देगा।
कार्यकर्ताओं को निर्देश है कि जमीनी स्तर पर PDA पंचायतों का विस्तार करें, ताकि समाज जागृत हो। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सपा यह रणनीति सही ढंग से लागू करती है, तो 2027 में सत्ता परिवर्तन संभव है। लेकिन चुनौतियां कम नहीं—भाजपा की मशीनरी और गठबंधन की एकजुटता पर सवाल बाकी हैं। सपा की यह तैयारी यूपी की सियासत को रोमांचक बना रही है।
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