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UP Assembly Elections 2027: वोटर लिस्ट में बड़े संशोधन, निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश

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UP Assembly Elections 2027

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लखनऊ, 6 सितंबर 2025। UP Assembly Elections 2027: उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। यह अभियान 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा, जिसमें वोटर लिस्ट में व्यापक संशोधन किए जाएंगे। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना और नए मतदाताओं को जोड़ना है, ताकि आगामी चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें।

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि यह प्रक्रिया 26 जनवरी 2026 तक पूरी होगी, और अंतिम मतदाता सूची 30 जनवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। इस विशेष अभियान के तहत, 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं का पंजीकरण किया जाएगा। साथ ही, मृतक, स्थानांतरित, डुप्लिकेट और अपात्र मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को सक्रिय करने का आदेश दिया है, जो घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच करेंगे।

विशेष तिथियों 11-12 अक्टूबर और 8-9 नवंबर 2025 को मतदाता पंजीकरण शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां लोग अपने नाम जुड़वाने या संशोधन के लिए आवेदन कर सकेंगे। आयोग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भी उपयोग करने का निर्देश दिया है। मतदाता अपने विवरण को ऑनलाइन पोर्टल voterportal.eci.gov.in या वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिए अपडेट कर सकते हैं।

इसके अलावा, 18 वर्ष से कम आयु के युवाओं के लिए अग्रिम पंजीकरण की सुविधा शुरू की गई है, ताकि वे 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष पूरे होने पर स्वतः मतदाता बन सकें। रिणवा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 15.2 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 8.1 करोड़ पुरुष, 7.1 करोड़ महिलाएं और 1.2 लाख थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इस बार विशेष ध्यान महिला और युवा मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने पर है।

निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया में सहयोग करने को कहा है। इसके लिए 15 सितंबर को लखनऊ में सभी मान्यता प्राप्त दलों के साथ बैठक होगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक बूथ पर कम से कम 95% मतदाता पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान न केवल मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधारेगा, बल्कि 2027 के चुनाव में मतदान प्रतिशत को भी बढ़ाएगा।

पिछले विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में त्रुटियों की शिकायतें सामने आई थीं, जिसके बाद आयोग ने इस बार सख्ती बरतने का फैसला किया है। राजनीतिक दलों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन कुछ ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि संशोधन प्रक्रिया की निगरानी के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएं।

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