संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहा है, और इस बार विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावे, जिसमें उन्होंने कहा कि मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान “पांच जेट विमान गिराए गए” और अमेरिका ने युद्धविराम में मध्यस्थता की, ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाने की योजना बना रहे हैं, जबकि सरकार इन दावों को खारिज कर रही है।
ट्रंप का सनसनीखेज दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 18 जुलाई 2025 को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सीनेटरों के लिए आयोजित एक निजी रात्रिभोज में दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए संघर्ष के दौरान “पांच जेट विमान हवा में मार गिराए गए”। उन्होंने यह भी दोहराया कि अमेरिका ने व्यापार समझौते की धमकी देकर दोनों देशों के बीच युद्धविराम कराया। ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये जेट किस देश के थे या यह दोनों देशों के संयुक्त नुकसान थे। यह दावा ट्रंप ने पिछले 70 दिनों में 24वीं बार दोहराया है, जिसमें वे कहते रहे हैं कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका और व्यापार समझौते के दबाव में दोनों देशों को शांत किया।
भारत सरकार का जवाब
भारत सरकार ने ट्रंप के दावों को सिरे से खारिज किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ट्रंप के साथ 35 मिनट की फोन बातचीत में स्पष्ट किया कि भारत “किसी भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता” और युद्धविराम की बातचीत भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीधे हुई थी, जो पाकिस्तान के अनुरोध पर शुरू हुई थी। विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को शुरू हुआ था, पूरी तरह से भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का हिस्सा था और इसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस ने ट्रंप के दावों को आधार बनाकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “मोदी जी, पांच जेट्स की सच्चाई क्या है? देश को सच जानने का हक है!” कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “ट्रंप का यह दावा 24वीं बार सामने आया है, और हर बार वे कहते हैं कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका। मोदी जी, जो ट्रंप के साथ ‘हाउडी मोदी’ (2019) और ‘नमस्ते ट्रंप’ (2020) जैसे आयोजनों में दोस्ती का प्रदर्शन कर चुके हैं, अब संसद में स्पष्ट जवाब दें।” विपक्ष ने मांग की है कि संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर विशेष चर्चा हो और प्रधानमंत्री स्वयं जवाब दें। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ, जिसे सरकार ने छिपाया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भारत के इंडोनेशिया में रक्षा अताशे कैप्टन शिव कुमार के हवाले से दावा किया कि “राजनीतिक नेतृत्व की बाध्यताओं” के कारण भारतीय वायुसेना के जेट विमान खोए गए। हालांकि, भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि छह भारतीय युद्धक विमानों के गिराए जाने की बात “पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा कि गलतियों से सीखकर भारत ने दो दिन बाद फिर से ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को “देशद्रोही मानसिकता” करार दिया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा, “ट्रंप ने यह नहीं कहा कि पांच जेट भारत के थे। राहुल गांधी ने बिना सोचे-समझे पाकिस्तान के नैरेटिव को स्वीकार कर लिया। यह उनकी देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाता है।” बीजेपी ने ऑपरेशन सिंदूर को “आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक जीत” बताया और कहा कि पाकिस्तान इस ऑपरेशन से अभी तक उबर नहीं पाया है।
संसद सत्र में हंगामे के आसार
21 जुलाई से शुरू होने वाला संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष न केवल ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के दावों को उठाएगा, बल्कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) और पहलगाम हमले पर भी सरकार को घेरेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ एक पत्र साझा किया, जिसमें विशेष सत्र की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “हर सत्र हमारे लिए विशेष है। सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर मानसून सत्र में चर्चा हो सकती है।”
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर #OperationSindoor और #TrumpClaims जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूजर्स ने सरकार से पारदर्शिता की मांग की है, जबकि कुछ ने ट्रंप के दावों को “अमेरिकी हस्तक्षेप का प्रयास” बताया। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “अगर जेट गिराए गए, तो यह युद्ध का हिस्सा है। लेकिन सरकार को सच बताना चाहिए।”
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के दावों ने भारत की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है। मानसून सत्र में यह मुद्दा सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस का कारण बन सकता है। क्या मोदी सरकार संसद में ट्रंप के दावों का स्पष्ट जवाब दे पाएगी, या यह विवाद और गहराएगा? यह देखना बाकी है।