अमेरिका, 1 सितंबर 2025। Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयातित दवाओं पर 200% तक टैरिफ लगाने की योजना की घोषणा की है, जिससे अमेरिकी नागरिकों में दवाओं की कीमतों में वृद्धि और आपूर्ति में कमी की आशंका बढ़ गई है। यह प्रस्ताव 8 जुलाई 2025 को एक कैबिनेट बैठक में सामने आया, जहां ट्रंप ने कहा कि दवा कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन शुरू करने के लिए एक से डेढ़ साल का समय दिया जाएगा।
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इस नीति का मकसद अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना और विदेशी दवा आपूर्ति पर निर्भरता कम करना है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दवाओं की कीमतें आसमान छू सकती हैं और सामान्य दवाओं की कमी हो सकती है। अमेरिका में दवाओं का आयात 2024 में 212 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जिसमें भारत, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड और जर्मनी जैसे देश प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।
विशेष रूप से जेनेरिक दवाएं, जो 90% नुस्खों में शामिल हैं, भारत और चीन से आयात होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 200% टैरिफ से जेनेरिक दवाओं की कीमतें 10-14% तक बढ़ सकती हैं, जिसका सबसे ज्यादा असर निम्न-आय वर्ग और बुजुर्गों पर पड़ेगा। दवा उद्योग की लॉबी PhRMA ने चेतावनी दी है कि यह नीति आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर सकती है और अनुसंधान-विकास में निवेश को कम कर सकती है।
ट्रंप ने दावा किया कि यह कदम दवाओं को सस्ता करेगा, लेकिन विशेषज्ञ इसे उनकी “सबसे पसंदीदा राष्ट्र” नीति से विरोधाभासी मानते हैं। दवा कंपनियों ने पहले ही छह से 18 महीने की स्टॉकपाइलिंग शुरू कर दी है, जिससे तत्काल कमी टल सकती है, लेकिन लंबे समय में कीमतें बढ़ना तय है।
यूरोपीय दवाओं पर पहले से 15% टैरिफ लागू है, और भारत को अभी छूट दी गई है। हालांकि, कानूनी चुनौतियां भी सामने हैं, क्योंकि मई 2025 में एक अमेरिकी व्यापार अदालत ने ट्रंप के आपातकालीन शक्तियों के तहत टैरिफ लगाने के अधिकार पर सवाल उठाया था।
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