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राजनीतिक दान के नाम पर टैक्स चोरी: आयकर विभाग ने यूपी में मारा छापा

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आयकर विभाग ने फर्जी दान के जरिए टैक्स छूट का दुरुपयोग करने वालों पर की सख्त कार्रवाईउत्तर प्रदेश के कई जिलों में आयकर विभाग ने सोमवार से शुरू हुई एक बड़ी कार्रवाई में फर्जी राजनीतिक दान के जरिए टैक्स छूट लेने के संदिग्ध मामलों को निशाना बनाया। अमरोहा, सुल्तानपुर, गोंडा और मुरादाबाद जैसे जिलों में दर्जनों स्थानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक दलों को दान दिखाकर टैक्स में छूट हासिल की।

आयकर विभाग की टीमें वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और निजी व्यक्तियों के ठिकानों पर गहन तलाशी ले रही हैं। गोंडा में बेलसर रोड पर स्थित बालाजी एसोसिएट्स के कार्यालय में भी छापेमारी चल रही है, जहां कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है और दस्तावेजों की जांच हो रही है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छोटे राजनीतिक दलों के फर्जी दान और टैक्स छूट के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद शुरू की गई। जांच में पाया गया कि कई पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (RUPPs) टैक्स छूट के लिए दान का सहारा लेते हैं।

ये दल दानदाताओं से धन प्राप्त करते हैं और फिर इसे नकद या अन्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से वापस कर देते हैं, जिससे राष्ट्रीय खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। आयकर विभाग ने ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं, जिनमें फर्जी दान रसीदें, कमीशन के विवरण और व्हाट्सएप चैट शामिल हैं। ये साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि कुछ दल कमीशन लेकर टैक्स चोरी में सहायता करते हैं।

हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और अधिकारी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के साथ-साथ गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में भी चल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां न केवल टैक्स चोरी को बढ़ावा देती हैं, बल्कि राजनीतिक प्रणाली की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती हैं। आयकर विभाग जल्द ही इस मामले में शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है। स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर खासी हलचल है।

गोंडा के एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऐसी कार्रवाइयां जरूरी हैं ताकि टैक्स चोरी करने वालों को सबक मिले।” वहीं, कुछ का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से छोटे राजनीतिक दलों की कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ सकता है। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया कि यह जांच अभी जारी रहेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अगले कुछ दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।

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