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SSC Protest: दिल्ली में SSC प्रदर्शनकारियों पर रात में पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज, कई घायल, 44 हिरासत में

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SSC Protest

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  •  रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस की कार्रवाई, विपक्ष ने की निंदा
  • SSC अभ्यर्थियों का आंदोलन तेज
  • SSC परीक्षा अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन  
  • पुलिस कार्रवाई ने मचाया हड़कंप

नई दिल्ली 25 अगस्त 2025। SSC Protest: दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार, 24 अगस्त 2025 की देर रात, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर बर्बर लाठीचार्ज किया। देशभर से आए हजारों SSC अभ्यर्थियों ने ‘छात्र महाआंदोलन’ के बैनर तले अपनी मांगें उठाने के लिए रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया था।

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प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने रात के अंधेरे में बिजली काटकर और सादे कपड़ों में आकर उन पर हमला किया, जिससे कई छात्र और शिक्षक घायल हो गए। पुलिस ने 44 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जबकि बाकी को तितर-बितर कर दिया गया। इस घटना ने न केवल SSC की भर्ती प्रक्रिया में खामियों को उजागर किया, बल्कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार पर भी सवाल खड़े किए।

SSC परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप 

प्रदर्शन का कारण SSC की चरण 13 भर्ती परीक्षा (24 जुलाई से 1 अगस्त 2025) में कथित अनियमितताएं थीं। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी खामियां, जैसे सॉफ्टवेयर क्रैश और बायोमेट्रिक सत्यापन में विफलता, के साथ-साथ अचानक परीक्षा रद्द होने और दूर-दराज के केंद्रों का आवंटन जैसी समस्याएं सामने आईं।

कई छात्रों को 400-500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए, और वहां पहुंचने पर उन्हें बिना पूर्व सूचना के परीक्षा रद्द होने की जानकारी मिली। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि नई परीक्षा एजेंसी, जिसे टेंडर दिया गया, पहले से ब्लैकलिस्टेड है, फिर भी इसे जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी मांगों में पारदर्शिता, नियमित ऑडिट, और दोषी एजेंसियों पर कार्रवाई शामिल है।

पुलिस की कार्रवाई और विपक्ष का विरोध

प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उन्हें रविवार शाम 5 बजे तक प्रदर्शन की अनुमति थी, लेकिन मांगों के समाधान तक वे डटे रहे। पुलिस ने निर्धारित समय के बाद भीड़ को हटाने के लिए पहले बिजली काटी, फिर लाठीचार्ज किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिस द्वारा छात्रों के साथ धक्का-मुक्की और लाठीचार्ज की तस्वीरें सामने आई हैं।

कुछ पत्रकारों, जो प्रदर्शन को कवर कर रहे थे, को भी हिरासत में लिया गया और उनके माइक व कैमरे छीन लिए गए। इस कार्रवाई की कांग्रेस, आप, और आजाद समाज पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस ने इसे ‘लोकतंत्र पर हमला’ करार दिया, जबकि आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह ‘बीजेपी राज में तानाशाही’ का उदाहरण है। आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इसे युवाओं के सपनों पर हमला बताया।

छात्रों की मांगें और भविष्य की रणनीति

प्रदर्शनकारी SSC की भर्ती प्रक्रिया में सुधार, ब्लैकलिस्टेड एजेंसियों पर कार्रवाई, प्रभावित छात्रों को मुआवजा, और अतिरिक्त परीक्षा का अवसर देने की मांग कर रहे हैं। SSC चेयरमैन एस. गोपालकृष्णन ने स्वीकार किया कि नई एजेंसी के साथ तकनीकी समस्याएं थीं, लेकिन ठोस कार्रवाई का अभाव छात्रों के आक्रोश को बढ़ा रहा है।

प्रदर्शन के आयोजकों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज होगा। सोशल मीडिया पर #SSCSystemSudharo और #SSCMisManagement जैसे हैशटैग के साथ अभ्यर्थी अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यह घटना SSC की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा के लिए सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाती है।

 

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