श्रीनगर, 15 नवंबर 2025। Srinagar Blast: जम्मू-कश्मीर की शांत घाटी एक बार फिर दहशत की चपेट में आ गई है। श्रीनगर के नौगाम इलाके स्थित पुलिस थाने में गुरुवार रात करीब 11:20 बजे एक जोरदार विस्फोट हुआ, जिसमें एक इंस्पेक्टर समेत कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई। 29 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी और एक तहसीलदार शामिल हैं। यह हादसा इतना भयावह था कि थाने का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया, 10 से अधिक वाहन जलकर राख हो गए, और आसपास के इलाकों में कांच टूटने की आवाजें गूंजीं।
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प्रारंभिक जांच के मुताबिक, यह विस्फोट दुर्घटनावश हुआ। पुलिस थाने में फरीदाबाद (हरियाणा) से जब्त की गई एक बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री के सैंपल लेने के दौरान अचानक धमाका हो गया। ये विस्फोटक हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच से जुड़े थे। दिल्ली ब्लास्ट में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक मॉड्यूल का हाथ माना जा रहा था, और फरीदाबाद से बरामद सामग्री उसी साजिश का हिस्सा थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अमोनियम नाइट्रेट की अनुचित हैंडलिंग से ऐसा हादसा हुआ, लेकिन आतंकी साजिश की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
दिल्ली ब्लास्ट का कनेक्शन इस घटना को और गंभीर बनाता है। 10 नवंबर को लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में विस्फोट से दो लोग घायल हुए थे, और जांच में JeM के श्रीनगर-आधारित नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। फरीदाबाद से जब्त 500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक इसी मॉड्यूल से जुड़े थे, जिन्हें काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने श्रीनगर के नौगाम थाने में रखा था। CIK ने हाल ही में कश्मीर घाटी में 13 स्थानों पर छापेमारी भी की थी, जिसमें दिल्ली ब्लास्ट और श्रीनगर JeM साजिश के लिंक खोजे गए। एक डॉक्टर तजमुल अहमद मलिक को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, जिनके पिता ने किसी कनेक्शन से इनकार किया।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस टीमों ने घंटों तक आग बुझाने और घायलों को बचाने का प्रयास किया। घायलों को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) और 92 आर्मी बेस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी ने इसे ‘दुखद दुर्घटना’ बताया, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने भी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें NIA की भूमिका संभावित है।
यह घटना सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि विस्फोटक सामग्री की स्टोरेज और हैंडलिंग में सख्त प्रोटोकॉल की जरूरत है। दिल्ली ब्लास्ट के बाद यह दूसरा बड़ा हादसा है, जो JeM जैसे संगठनों की घुसपैठ को दर्शाता है। पीड़ित परिवारों ने न्याय की मांग की है, जबकि राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की। घाटी में शांति बहाली के प्रयासों को यह झटका लगा है, लेकिन सुरक्षा बलों का हौसला बरकरार है।








