गोरखपुर,1 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश में एक नया सियासी विवाद सामने आया है, जहां बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेंद्र पाल सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) और बीजेपी विधायक विपिन सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी करने का मामला सामने आया है।
BJP MLA: गोरखपुर में BJP विधायक के भाई की CM योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, तीन थानों में FIR दर्ज
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इस पोस्ट के वायरल होने के बाद भोलेंद्र के खिलाफ चार थानों में तीन दिनों के भीतर छह प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं। यह पोस्ट गुरुवार रात को की गई थी, जिसे बाद में उनके परिवार ने डिलीट कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि क्षेत्र में पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा दिया है।
पिपराइच से बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह ने इस मामले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह अपने भाई भोलेंद्र से पिछले 20-25 वर्षों से अलग रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी से अपने भाई की टिप्पणियों के लिए माफी मांगी और इसे अपने खिलाफ साजिश का हिस्सा बताया। महेंद्र पाल सिंह ने यह भी दावा किया कि भोलेंद्र शराब के नशे में हो सकता है और किसी के उकसावे में यह कदम उठाया गया होगा। उन्होंने इस मामले में उकसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 29 अगस्त को गोरखपुर के साइबर क्राइम थाने में मीडियल सेल के सिपाही राम बोध ने भोलेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें पोस्ट को “अश्लील और आपत्तिजनक” बताया गया। इसके बाद चार अलग-अलग थानों में छह एफआईआर दर्ज की गईं। इस मामले में पुलिस ने भोलेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे यह विवाद और गहरा गया है।
यह घटना उस समय हुई जब गोरखपुर में पहले से ही सैंथवार माल समुदाय के बीच पूर्व विधायक केदार सिंह की मूर्ति हटाए जाने को लेकर तनाव चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद यह मूर्ति हटाई गई थी, जिसके बाद क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हुए थे। भोलेंद्र की पोस्ट ने इस तनाव को और बढ़ाने का काम किया है।
इस मामले ने बीजेपी के आंतरिक मतभेदों को भी उजागर किया है। गोरखपुर, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है, में इस तरह की घटना ने पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। महेंद्र पाल सिंह ने कहा कि कानून तोड़ने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, भले ही वह उनका भाई ही क्यों न हो।
यह घटना सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की सख्त कार्रवाई को भी दर्शाती है। पहले भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए हैं। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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