बीजिंग 1 सितंबर 2025। SCO Summit: 31 अगस्त 2025 को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व समुदाय को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया कि भारत उग्रवाद, अलगाववाद और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी बरतने को तैयार नहीं है। इस वैश्विक मंच पर पीएम मोदी ने कहा कि ये तीनों वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरे हैं, और इन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी देशों से एकजुट होकर इन चुनौतियों का मुकाबला करने की अपील की।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि आतंकवाद किसी भी देश या समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “उग्रवाद, अलगाववाद और आतंकवाद न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक शांति को कमजोर करते हैं। हमें इनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।” उन्होंने SCO के सदस्य देशों से आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और सीमा पार आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। मोदी ने भारत की उस नीति को दोहराया, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा शांति और सहयोग को बढ़ावा दिया है, लेकिन यह तभी संभव है जब सभी देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों। उन्होंने डिजिटल युग में बढ़ते साइबर आतंकवाद और प्रचार तंत्र पर भी चिंता जताई, जिसका उपयोग युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने के लिए किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने तकनीकी सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने की जरूरत पर बल दिया। SCO समिट में पीएम मोदी ने भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ यानी ‘विश्व एक परिवार है’ के सिद्धांत को अपनाया है। लेकिन इस सिद्धांत को तभी मजबूत किया जा सकता है, जब दुनिया आतंकवाद और हिंसा से मुक्त हो।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, व्यापार और तकनीकी नवाचार जैसे अन्य क्षेत्रों में SCO के सहयोग को भी रेखांकित किया, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। इस समिट में भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए SCO के महत्व को भी उजागर किया। पीएम मोदी ने कहा कि SCO न केवल एक क्षेत्रीय संगठन है, बल्कि वैश्विक शांति और सहयोग का एक मजबूत मंच है। उन्होंने सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति बनाने और इसे लागू करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
पीएम मोदी का यह संबोधन न केवल भारत की मजबूत विदेश नीति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की जरूरत को भी रेखांकित करता है। उनके इस संदेश ने SCO समिट में मौजूद सभी नेताओं को एक सकारात्मक और कड़ा संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगा।
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