मेरठ/जेलखाना, 22 सितंबर 2025। Saurabh Rajput Murder Case: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर को हिलाकर रख देने वाले ‘नीले ड्रम’ हत्याकांड की मुख्य आरोपी मुस्कान रस्तोगी एक बार फिर सुर्खियों में है। साढ़े छह महीने की प्रेग्नेंसी के बावजूद जेल की चारदीवारी में रहते हुए उसने आषाढ़ नवरात्र का कठोर व्रत रख लिया है। फलाहार तक न छूने की इस जिद ने न सिर्फ जेल प्रशासन को हैरान कर दिया, बल्कि उसके साथी अपराधी और प्रेमी साहिल शुक्ला को भी चौंका दिया।
क्या है मुस्कान की यह नई ‘आध्यात्मिक’ चाहत? क्या यह पश्चाताप का संकेत है या कोई नया ड्रामा? सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो चुकी है, जहां लोग इसे ‘नीले ड्रम वाली मुस्कान’ का नया ट्विस्ट बता रहे हैं।याद कीजिए, मार्च 2025 में मेरठ के इस चर्चित कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी सौरभ राजपूत की पत्नी मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर पति की क्रूर हत्या कर दी।

नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया, चाकू से गला रेत दिया, फिर शव को 20 टुकड़ों में काटकर एक बड़े नीले प्लास्टिक ड्रम में ठूंस दिया। ऊपर से गीला सीमेंट डालकर सबूत मिटाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की तत्परता से 18 मार्च को दोनों गिरफ्तार हो गए। जांच में खुलासा हुआ कि मुस्कान और साहिल का अफेयर सालों से चल रहा था। शादी के बाद भी मुस्कान साहिल से मिलती रही। इस घटना ने ‘नीला ड्रम’ को अपराध का प्रतीक बना दिया—अलीगढ़ के बाजारों में नीले ड्रम की बिक्री 70 फीसदी गिर गई, लोग इसे देखते ही सिहर उठते हैं।
कांवड़ यात्रा में तो एक कांवड़िया ने ‘शुद्धिकरण’ के नाम पर गंगा जल से ड्रम धोया!अब, सितंबर 2025 में मुस्कान की जिंदगी में नया मोड़ आया है। जेल में बंद यह 28 वर्षीय महिला साढ़े छह महीने की गर्भवती है। बच्चे का पिता सौरभ है या साहिल—यह सवाल अभी भी लटका है। शुरुआती प्रेग्नेंसी टेस्ट निगेटिव आए थे, लेकिन जुलाई में पुष्टि हुई। मुस्कान ने जेल में ही डॉक्टरी जांच कराई और बच्चे को ‘श्रीकृष्ण जैसा बेटा’ बनाने का अरमान जताया। “श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ था। मैं भी सजा काट रही हूं, लेकिन यह बच्चा मेरी उम्मीद है,” उसने वार्ताकार को बताया। लेकिन अब नवरात्र का व्रत! 21 सितंबर से शुरू हुए आषाढ़ नवरात्र के पहले दिन ही मुस्कान ने निर्जला व्रत की ठान ली।
जेल की महिला बैरक में मां शैलपुत्री की पूजा की, फलाहार ठुकरा दिया। डॉक्टरों ने चेतावनी दी—गर्भावस्था में निर्जला व्रत से मां और बच्चे को खतरा हो सकता है। विटामिन की कमी, डिहाइड्रेशन, यहां तक कि गर्भपात का जोखिम। फिर भी मुस्कान अड़ी हुई है। “मां दुर्गा की कृपा से सब ठीक हो जाएगा,” वह कहती है।इस जिद ने साहिल को भी चौंका दिया। पड़ोस वाली जेल बैरक में बंद साहिल, जो मुस्कान का ‘पार्टनर इन क्राइम’ है, ने वकील के जरिए संदेश भेजा: “यह क्या पागलपन है? बच्चे का क्या?”
साहिल खुद सदमे में है हत्या के बाद की जिंदगी, कोर्ट की कार्रवाई, और अब यह धार्मिक उन्माद। वकीलों के अनुसार, साहिल मुस्कान से मिलने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जेल नियम सख्त हैं। मुस्कान की मां ने भी अपील की है कि बेटी व्रत तोड़ दे, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं। जेल अधीक्षक ने कहा, “हम निगरानी रख रहे हैं। जरूरत पड़ी तो मेडिकल टीम तैनात करेंगे।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुस्कान का अपराधबोध से भागने का तरीका हो सकता है। या फिर, बच्चे के भविष्य को ‘पवित्र’ बनाने की कोशिश।
यह घटना समाज में बहस छेड़ रही है। क्या गर्भवती महिला के लिए व्रत जायज है? आयुर्वेद के अनुसार, छठे महीने में निर्जला व्रत खतरनाक है। धार्मिक गुरु कहते हैं, ‘भक्ति में संतुलन जरूरी।’ लेकिन मुस्कान की यह ‘चाहत’ क्या सच्ची भक्ति है या मीडिया का नया चारा? सौरभ का परिवार सदमे में है—उन्होंने कहा, “उसने हमारे बेटे को मार डाला, अब बच्चे का ढोंग?” पुलिस जांच जारी है, फॉरेंसिक रिपोर्ट्स आ रही हैं। नवरात्र के नौ दिन मुस्कान के लिए परीक्षा होंगे। क्या वह व्रत पूरा करेगी? साहिल का चौंकना तो बस शुरुआत है। ‘नीले ड्रम वाली मुस्कान’ की कहानी अभी खत्म कहां हुई!
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