जम्मू कश्मीर, 12 सितंबर 2025। Sanjay Singh House Arrest: जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को हाउस अरेस्ट किए जाने की घटना ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। 11 सितंबर 2025 को श्रीनगर के सर्किट हाउस में नजरबंद किए गए संजय सिंह डोडा विधायक मेहराज मलिक की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस और धरना करने वाले थे।
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पुलिस ने गेस्ट हाउस को छावनी में बदल दिया और बाहर ताला जड़ दिया, जिससे आप प्रभारी इमरान हुसैन समेत अन्य नेताओं को भी बाहर निकलने नहीं दिया गया। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस घटना पर बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, “यह ठीक बात नहीं… संजय सिंह को हाउस अरेस्ट कर रखा है। जनता की आवाज दबाई जा रही है, विपक्ष के नेताओं को कैद किया जा रहा है। बीजेपी खुली गुंडागर्दी पर उतर आई है।”
ये वीडियो देखिए…
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फ़ारूक़ अब्दुल्ला जी हमारे सांसद @SanjayAzadSln से मिलने गेस्ट हाउस पहुँचे लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने तक नहीं दिया।
संजय जी को हाउस अरेस्ट कर रखा है। जनता की आवाज़ दबाई जा रही है, विपक्ष के नेताओं को कैद किया जा रहा है।… pic.twitter.com/GZQhiFS7tF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 11, 2025
केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए केंद्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है, जो भाजपा की फासीवादी मानसिकता को उजागर करती है। केजरीवाल ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें संजय सिंह हाउस अरेस्ट की स्थिति बता रहे हैं। संजय सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर रोष जताया। उन्होंने कहा, “बहुत दुख की बात है कि जम्मू-कश्मीर के कई बार मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला जी पुलिस द्वारा मुझे हाउस अरेस्ट किए जाने की खबर पाकर मुझसे मिलने सरकारी गेस्ट हाउस आए, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
ये तानाशाही नहीं तो और क्या है?” फारूक अब्दुल्ला, जो वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पिता हैं, संजय सिंह के पुराने मित्र हैं। वे मिलने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने दरवाजे पर ही रोक दिया, जो घटना ने विवाद को और भड़का दिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संजय सिंह को नजरबंद किया गया था, लेकिन इसके पीछे का कारण जिम्मेदार लोग ही बता सकते हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं को गंभीर बताते हुए कहा कि ये बार-बार हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया।
आप पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए बिना कानूनी प्रक्रिया के यह कदम उठाया गया। यह घटना जम्मू-कश्मीर में आप की बढ़ती सक्रियता के बीच आई है, जहां पार्टी स्थानीय मुद्दों पर आवाज उठा रही है। विपक्षी दलों ने केंद्र पर सवाल उठाए हैं कि लोकतंत्र में विरोध की आवाज को दबाना उचित नहीं। केजरीवाल ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी कार्रवाइयां जारी रहीं, तो बड़ा सियासी खेल हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट कर सकती है। आप ने संजय सिंह की रिहाई की मांग की है और मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने का संकेत दिया है।
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