हमीरपुर, 20 अक्टूबर 2025। Road Rage Animals: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में दीपावली के उत्साह के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया। रविवार को राठ कोतवाली क्षेत्र के मलौहा रोड पर दो आवारा सांडों की आपसी लड़ाई में बाइक सवार एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका 20 वर्षीय पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गया। पीड़ित महिला सुशीला (45) पत्नी चरन सिंह मूल रूप से मलौहा गांव की निवासी थीं, जो अपने बेटे प्रमोद कुमार के साथ दीवाली की खरीदारी के लिए राठ कस्बे पहुंची थीं।
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इस हादसे ने न केवल परिवार को शोक की चादर ओढ़ा दी, बल्कि पूरे इलाके में आवारा पशुओं की समस्या को फिर से उजागर कर दिया।दिवाली के बाजारों में रौनक छाई हुई थी। शहरों से लेकर गांवों तक लोग पूजा सामग्री, मिठाइयां और सजावट का सामान खरीदने के लिए उमड़ पड़े थे। सुशीला और प्रमोद भी इसी भीड़ का हिस्सा थे। उन्होंने राठ बाजार से घरेलू सामान खरीदा और बाइक पर सवार होकर मलौहा गांव की ओर लौट रहे थे।
कोतवाली थाने से महज कुछ किलोमीटर दूर मलौहा रोड पर अचानक दो आवारा सांडों के बीच झगड़ा भड़क उठा। गुस्से में भरे सांड सड़क पर आपस में भिड़े और सीधे बाइक से टकरा गए। धक्के के साथ मां-बेटा सड़क पर लुढ़क पड़े। सुशीला को सिर और छाती में गंभीर चोटें आईं, जबकि प्रमोद के पैर और सिर पर गहरे घाव हो गए।राहगीरों ने फौरन हादसे का मंजर देखा और घायलों को नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने सुशीला की हालत को देखते हुए उन्हें उरई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही सुशीला ने दम तोड़ दिया। प्रमोद की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
घटना की खबर मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां कोहराम मच गया। सुशीला की बेटी गायत्री बदहवास होकर रो रही है। पति चरन सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि सुशीला घर की आर्थिक रीढ़ थीं और उनका अचानक चले जाना पूरे परिवार को बर्बाद कर देगा।पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। राठ कोतवाल अमित कुमार ने बताया कि यह आवारा सांडों की लड़ाई का नतीजा है। कोई अन्य वाहन या लापरवाही का मामला नहीं पाया गया।
विधिक कार्रवाई जारी है। हालांकि, यह घटना हमीरपुर जिले में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या पर सवाल खड़े करती है। जिले के शहरों, कस्बों और गांवों में सांड, गधे और अन्य आवारा जानवर सड़कों पर स्वछंद विचरण करते हैं। ये राहगीरों, विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा बन चुके हैं। कुछ महीनों पहले हमीरपुर शहर में एक सांड के हमले में युवक की मौत हो चुकी है। बिंवार क्षेत्र में भी इसी तरह एक ग्रामीण की जान गई थी।
वहीं, गधों के झुंड ने एक बच्चे को कुचल दिया था, जिसकी मौत हो गई।विशेषज्ञों का मानना है कि नगरीयकरण और पशु संरक्षण नीतियों की कमी से यह समस्या बढ़ रही है। प्रशासन ने कई बार अभियान चलाए, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकला। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए केंद्रीकृत सिस्टम बनाया जाए। गौशालाओं का विस्तार हो और सड़कों पर पशु नियंत्रण यूनिट तैनात की जाएं। दीवाली जैसे त्योहारों में बाजारों की भीड़ बढ़ जाती है, जिससे हादसों का खतरा और अधिक हो जाता है। यह घटना सबको चेतावनी देती है कि उत्सव के जश्न के साथ सतर्कता भी जरूरी है। क्या हमीरपुर प्रशासन अब ठोस कदम उठाएगा, या ये हादसे ऐसे ही जारी रहेंगे?
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