Renal Hypertension: रेनल हाइपरटेंशन, जिसे किडनी संबंधी उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी की धमनियों में रक्त प्रवाह बाधित होने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह आमतौर पर किडनी की धमनी में रुकावट (रेनल आर्टरी स्टेनोसिस) या किडनी रोग के कारण होता है। इससे रक्तचाप बढ़ने के साथ-साथ हृदय रोग और किडनी फेल्यर का खतरा भी बढ़ जाता है।
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लक्षणों में सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, और सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।रेनल हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के 5 उपाय:संतुलित आहार: नमक का सेवन कम करें, क्योंकि यह रक्तचाप को बढ़ाता है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को आहार में शामिल करें। पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला और पालक किडनी के लिए फायदेमंद हैं।
नियमित व्यायाम
रोजाना 30 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि, जैसे तेज चलना या योग, रक्तचाप को नियंत्रित करती है। इससे किडनी में रक्त प्रवाह भी सुधरता है।
वजन नियंत्रण
अधिक वजन रेनल हाइपरटेंशन को बढ़ा सकता है। स्वस्थ BMI बनाए रखने के लिए कैलोरी संतुलित रखें और नियमित व्यायाम करें।
तनाव प्रबंधन
तनाव रक्तचाप को प्रभावित करता है। ध्यान, गहरी सांस, और माइंडफुलनेस जैसी तकनीकों से तनाव कम करें। पर्याप्त नींद भी जरूरी है।
धूम्रपान और शराब से दूरी
धूम्रपान और अत्यधिक शराब किडनी और रक्तचाप को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे बचें और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
रेनल हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने के लिए दवाएं और कभी-कभी सर्जरी (जैसे एंजियोप्लास्टी) की जरूरत पड़ सकती है। नियमित ब्लड प्रेशर और किडनी फंक्शन टेस्ट करवाएं। स्वस्थ जीवनशैली और चिकित्सीय सलाह से इस बीमारी को कंट्रोल करना संभव है।
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