श्रीनगर/नई दिल्ली, 14 नवंबर 2025। Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भयावह कार विस्फोट के मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी के पुलवामा स्थित आवास को सुरक्षा बलों ने रातभर की कार्रवाई में पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के किल गांव में स्थित इस दो मंजिला मकान को बुलडोजर से रौंद दिया गया, जो आतंक मॉड्यूल के खिलाफ केंद्र सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का प्रतीक बन गया।
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इस विस्फोट में 13 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार रात को ऑपरेशन शुरू किया। फॉरेंसिक सबूतों से साबित हो चुका है कि उमर नबी उर्फ उमर मुहम्मद ने ही रेड फोर्ड इकोस्पोर्ट कार में अमोनियम नाइट्रेट से भरे विस्फोटक को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास पार्क किया था।

सीसीटीवी फुटेज में नबी को कार ड्राइव करते हुए देखा गया, जो मेवात (हरियाणा) से कनेक्शन वाला संदिग्ध है। सुरक्षा बलों ने बताया कि यह कार्रवाई आतंक नेटवर्क को तोड़ने का हिस्सा है, जिसमें नबी का परिवार भी सहयोगी था। मकान में हथियारों और दस्तावेजों के अवशेष बरामद हुए, जो पाकिस्तान समर्थित तत्वों से जुड़े हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अटल है। ऐसे अपराधियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करना जरूरी है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैबिनेट बैठक में निर्देश दिए कि जांच तेज की जाए। विपक्ष ने इसे ‘राजनीतिक बदला’ बताकर आलोचना की, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कानूनी प्रक्रिया पर आधारित है।
पुलवामा में स्थानीय निवासियों ने कार्रवाई का स्वागत किया, लेकिन कुछ ने मानवीय आधार पर चिंता जताई। यह घटना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही अभियानों की कड़ी है। पिछले महीने ही अवंतीपोरा में एक लश्कर मॉड्यूल को ध्वस्त किया गया था। दिल्ली पुलिस ने अब तक 5 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें नूह जिले के लोग शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्लास्ट आईएसआईएस-प्रेरित हो सकता है, जो सीमा पार से निर्देशित था। पीड़ित परिवारों ने न्याय की मांग की है, और सरकार ने मुआवजे की घोषणा की। सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि त्योहारों के मौसम में सतर्क रहें। यह कार्रवाई न केवल दिल्ली ब्लास्ट के पीछे के नेटवर्क को कमजोर करती है, बल्कि पूरे देश को संदेश देती है कि आतंक के आश्रयदाताओं को कोई छूट नहीं मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता शांति और सुरक्षा है।” अब जांच में अंतरराष्ट्रीय एंगल भी उभर रहा है, जो भारत की कूटनीति को मजबूत करेगा।
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