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Lal Qila Blast: जैश-ए-मोहम्मद का फिदायीन अटैक ब्लूप्रिंट तैयार, महिलाओं के लिए डिजिटल जिहाद कोर्स से फंडिंग

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Lal Qila Blast

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नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025। Lal Qila Blast: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर 2025 को हुए धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। यह विस्फोट महज एक हादसा नहीं, बल्कि पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की साजिश का हिस्सा था। जांच एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक, यह फिदायीन (सुसाइड) अटैक का ट्रेलर मात्र था।

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JeM ने भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर फिदायीन हमलों का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया था। यह पहला हमला नहीं, बल्कि श्रृंखला की शुरुआत हो सकता था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त जांच में सामने आया कि धमाका फरीदाबाद मॉड्यूल के फेल होने के तुरंत बाद अंजाम दिया गया। विस्फोट में 15 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट और ईंधन तेल से बने IED का इस्तेमाल हुआ।

जांच में चौंकाने वाला खुलासा यह है कि JeM ने टेरर फंडिंग और जिहादी भर्ती के लिए डिजिटल मोर्चा खोल दिया था। अक्टूबर 2025 के आखिरी हफ्ते में, लाल किला ब्लास्ट से महज 15 दिन पहले, JeM ने ‘तुहफत उल मोमिनात’ (महिलाओं के लिए उपहार) नामक ऑनलाइन कोर्स लॉन्च किया। यह कोर्स विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बनाकर डिजाइन किया गया है, जिसमें जिहाद, इस्लाम और धार्मिक कट्टरता की ट्रेनिंग दी जाती है।

JeM प्रमुख मसूद अजहर की बहनें – सादिया अजहर, समीरा अजहर और शिया अजहर, इस कोर्स की प्रमुख लेक्चरर हैं। सादिया अजहर, जो मसूद की छोटी बहन हैं, कोर्स को लीड कर रही हैं। यह 40 मिनट की दैनिक लाइव क्लासेस पर आधारित है, जो 8 नवंबर 2025 से शुरू हुईं। कोर्स में एडमिशन के लिए महिलाओं से 500 पाकिस्तानी रुपये (लगभग 156 रुपये) फीस ली जा रही है, जो संगठन की फंडिंग का स्रोत बनी हुई है।

प्रचार इंटरनल टेलीग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप्स, फेसबुक, यूट्यूब और कट्टरपंथी प्लेटफॉर्म्स पर गुप्त रूप से हो रहा है। JeM ने महिलाओं की ब्रिगेड ‘जमात उल मोमिनात’ का गठन किया है, जो ISIS, हमास और LTTE की तर्ज पर फिदायीन दस्ते तैयार करेगी। सूत्रों के अनुसार, हवाला नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपये जुटाए जा रहे हैं, जो भारत में हमलों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। JeM के टॉप कमांडरों की महिला रिश्तेदारों को कोर्स सौंपा गया है, ताकि पाकिस्तानी समाज की रूढ़िवादी बाधाओं को पार किया जा सके।

यह डिजिटल कोर्स मदरसों का आधुनिक रूप है, जहां महिलाओं को ‘जिहाद की जिम्मेदारियां’ सिखाई जा रही हैं। इधर, लाल किला ब्लास्ट की जांच तेज हो गई है। NIA ने मंगलवार को मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) से एक संदिग्ध बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया, जिसका नाम इख्तियार (Iqtiyar) है। वह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) का सक्रिय सदस्य है और बांग्लादेशी डिटेक्टिव ब्रांच अधिकारी की हत्या का आरोपी है। इख्तियार का सेफ हाउस ABT सदस्यों का अड्डा था।

पूछताछ में पता चला कि, वह दिल्ली ब्लास्ट में लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहा था। राजशाही (बांग्लादेश) से घुसपैठिए आतंकियों को सहायता प्रदान की गई। जांच का फोकस भारत-बांग्लादेश सीमा के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों पर है, जहां लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क था। पांच दिन पहले, LeT कमांडर सैफुल्लाह सैफ और ABT के हाफिज शुजादुल्लाह, हाफिज अली फजुल के साथ बांग्लादेशी अधिकारी डॉ. नसीरुल घनी की बैठक हुई थी।

NIA को शक है कि इख्तियार बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, जो बॉर्डर पार से विस्फोटकों की सप्लाई करता था। गृह मंत्री अमित शाह ने NIA को जांच सौंपी है। दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता घोषित की। लाल किला मेट्रो स्टेशन सुरक्षा कारणों से बंद है। विशेषज्ञों का कहना है कि JeM का यह डिजिटल अभियान भारत के लिए नई चुनौती है। सरकार ने पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए कूटनीतिक दबाव बढ़ाया है। यह साजिश दर्शाती है कि आतंकवाद अब साइबर स्पेस में भी फैल रहा है। सतर्कता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही इसे रोका जा सकता है।

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