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RBI Deputy Governor: शिरीष चंद्र मुर्मू बने RBI के नए डिप्टी गवर्नर, तीन साल का होगा कार्यकाल

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RBI Deputy Governor

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नई दिल्ली, 30 सितंबर 2025। RBI Deputy Governor: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में महत्वपूर्ण बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार ने सोमवार को शिरीष चंद्र मुर्मू को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 9 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी और यह तीन साल के लिए होगी। वर्तमान में मुर्मू आरबीआई में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, जहां उन्होंने सुपरविजन विभाग का नेतृत्व किया है। यह नियुक्ति कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा मंजूर की गई है।

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मुर्मू एम. राजेश्वर राव की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। राव को 2020 में तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था, जिसे दो बार एक-एक साल के लिए बढ़ाया गया। शिरीष चंद्र मुर्मू एक अनुभवी केंद्रीय बैंकिंग अधिकारी हैं। 1991 में आरबीआई में शामिल होने के बाद से उनके पास 33 वर्षों से अधिक का अनुभव है। एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में उन्होंने सुपरविजन विभाग का प्रमुख कार्यभार संभाला, जहां सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की निगरानी की जाती है।

इसके अलावा, उन्होंने सेक्रेटरी विभाग का भी प्रभार संभाला, जो आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड और उसकी विभिन्न समितियों को सचिवीय सहायता प्रदान करता है। मुर्मू ने कई उच्च स्तरीय आंतरिक समितियों की अध्यक्षता की, जिन्होंने आरबीआई के विभिन्न क्षेत्रों में विनियमों की समीक्षा की। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से विज्ञान में स्नातकोत्तर हैं। उनकी नियुक्ति से पहले वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति ने साक्षात्कार लिया, जिसमें उन्होंने अन्य उम्मीदवारों को पछाड़ा।

डिप्टी गवर्नर की भूमिका

आरबीआई में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं, जो मौद्रिक नीति, वित्तीय बाजार विनियमन, बैंकिंग सुपरविजन और रेगुलेशन जैसे प्रमुख विभागों का प्रभार संभालते हैं। इनमें से दो आंतरिक पदोन्नति से, एक वाणिज्यिक बैंकिंग से और एक अर्थशास्त्री से आते हैं। मुर्मू की नियुक्ति के बाद उनकी जिम्मेदारियां बैंकिंग रेगुलेशन, सुपरविजन, मौद्रिक नीति और वित्तीय बाजार नियमन पर केंद्रित रहेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और संस्थागत ज्ञान से भारतीय बैंकिंग प्रणाली को वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू सुधारों के बीच स्थिरता मिलेगी।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में उनका योगदान महंगाई नियंत्रण और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा। वर्तमान अन्य डिप्टी गवर्नर टी. राबी संकर, स्वामीनाथन जे. और पूनम गुप्ता हैं। स्थिरता और विकास की दिशायह नियुक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। मुर्मू के नेतृत्व में आरबीआई की रेगुलेटरी नीतियां और मजबूत होंगी, जो बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देंगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, उनकी रणनीतिक दृष्टि से केंद्रीय बैंक को वैश्विक चुनौतियों का बेहतर सामना करने में मदद मिलेगी। यह बदलाव आरबीआई की परंपरा को मजबूत करता है, जहां आंतरिक विशेषज्ञों को शीर्ष पद दिए जाते हैं। आने वाले दिनों में मुर्मू की पोर्टफोलियो आवंटन की घोषणा होगी, लेकिन उनकी भूमिका से वित्तीय बाजारों में विश्वास बढ़ेगा।

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