लखनऊ, 8 अक्टूबर 2025। Ramel Industries Fraud Case: उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान विंग (ईओडब्ल्यू) ने रामेल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बहुचर्चित वित्तीय ठगी मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद शाखा के एजेंट रवीन्द्र पाल सिंह को लखनऊ से पकड़ा गया। यह कार्रवाई ईओडब्ल्यू के डीजी के निर्देश पर चल रहे 6 से 11 अक्टूबर के विशेष अभियान का हिस्सा है, जो निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी पर फोकस कर रहा है।
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रामेल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशकों ने एजेंटों के साथ मिलकर लोगों को आरडी, एफडी और अन्य निवेश योजनाओं में ऊंचे ब्याज का लालच देकर ठगा। कंपनी ने आकर्षक स्कीम्स का जाल बिछाकर निवेशकों की गाढ़ी कमाई हड़पी और करोड़ों लेकर फरार हो गई। जांच में पाया गया कि शाहजहांपुर जिले में ही कंपनी पर करीब 30 करोड़ रुपये की देनदारी बकाया है। हजारों निवेशक आज भी अपने पैसे वापसी के इंतजार में हैं।
मामला 28 जनवरी 2014 को शाहजहांपुर के सदर बाजार थाने में दर्ज हुआ था। धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 447, 468, 471 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई। प्रारंभिक जांच के बाद 5 मई 2014 को शासन ने इसे ईओडब्ल्यू को सौंप दिया। गहन जांच में कुल 57 आरोपी दोषी साबित हुए, जिनमें से 50 के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। बुधवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने रवीन्द्र पाल सिंह को लखनऊ के राममनोहर लोहिया पार्क के पास ताज होटल से धर दबोचा। कंपनी का यह एजेंट निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का झांसा देकर पैसे जमा करवाता था। पूछताछ में उसने निदेशकों के साथ साजिश रचकर पूंजी हड़पने का अपराध कबूल कर लिया।
ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि शेष सात वांछित आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है। इस गिरफ्तारी से पीड़ित निवेशकों में कुछ राहत मिली है, लेकिन पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ईओडब्ल्यू ने लोगों को चेतावनी दी है कि संदिग्ध निवेश योजनाओं से बचें और निवेश से पहले पूरी जांच करें। ऐसी धोखाधड़ी रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह कार्रवाई वित्तीय अपराधों के खिलाफ पुलिस की सख्ती का संकेत है।








