भोपाल, 20 अगस्त 2025। मध्य प्रदेश के कटनी जिले की 29 वर्षीय अर्चना तिवारी, जो इंदौर में सिविल जज की तैयारी कर रही थीं, 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से कटनी जाने के लिए निकली थीं। रक्षाबंधन मनाने घर जा रही अर्चना भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के बाद रहस्यमयी तरीके से लापता हो गईं। इस मामले में ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में तैनात कॉन्स्टेबल राम तोमर का नाम सामने आने से नया मोड़ आया है।
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जीआरपी ने राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की, जिसमें उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। राम तोमर ने पुलिस को बताया, “मैं तो उससे कभी मिला ही नहीं। मेरी अर्चना से सिर्फ फोन पर बात हुई थी, वो भी कोर्ट से संबंधित जानकारी के लिए।” उन्होंने यह भी कबूल किया कि उन्होंने अर्चना के लिए इंदौर से ग्वालियर तक का ट्रेन टिकट बुक किया था। हालांकि, तोमर का दावा है कि अर्चना ने उस टिकट पर यात्रा नहीं की।
पुलिस को कॉल डिटेल्स से पता चला कि अर्चना और तोमर पिछले डेढ़ साल से संपर्क में थे। इस बीच, अर्चना की आखिरी लोकेशन भोपाल में मिली, और उमरिया स्टेशन पर उनका बैग बरामद हुआ, लेकिन वह खुद गायब थीं। 19 अगस्त को एक बड़ा अपडेट सामने आया कि अर्चना तिवारी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में नेपाल बॉर्डर के पास सकुशल बरामद हो गई हैं।
भोपाल जीआरपी ने उन्हें भोपाल लाने की प्रक्रिया शुरू की, जहां उनसे पूछताछ और बयान दर्ज किए जाएंगे। हालांकि, पुलिस ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया कि अर्चना वहां कैसे पहुंचीं और इस दौरान वह कहां थीं। राम तोमर से पूछताछ में उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, और पुलिस दोनों के बीच संबंधों की गहराई से जांच कर रही है। अर्चना के परिजनों ने पुलिस से जांच तेज करने की मांग की थी, और उनके ताऊ बाबू प्रकाश तिवारी ने इसे मानव तस्करी का मामला बताया था। इस केस ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी थी, और अब अर्चना की बरामदगी के बाद भी कई सवाल अनुत्तरित हैं।
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