शिलांग, 6 सितंबर 2025। Raja Raghuvanshi Murder Case: मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्या के सनसनीखेज मामले में 790 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट सोहरा सब-डिवीजन के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 5 सितंबर 2025 को प्रस्तुत की गई। इसमें राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी, उनके प्रेमी राज सिंह कुशवाहा और तीन अन्य सह-आरोपियों—आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है।
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सभी पांचों अभियुक्तों को हत्या, साक्ष्य नष्ट करने और आपराधिक साजिश के आरोपों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 238(a) और 61(2) के तहत जेल में डाला गया है। यह मामला मई 2025 में तब सुर्खियों में आया, जब 29 वर्षीय राजा रघुवंशी और उनकी 24 वर्षीय पत्नी सोनम, जो 11 मई को शादी के बंधन में बंधे थे, हनीमून के लिए मेघालय पहुंचे। 20 मई को गुवाहाटी के रास्ते शिलांग और फिर सोहरा गए इस दंपति के 26 मई को लापता होने की खबर मिली।
सोहरा पुलिस, विशेष कार्य बल (SOT), NDRF, SDRF, ट्रेकिंग समूहों और स्थानीय लोगों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया। 2 जून को राजा का शव सोहरा के वेई सावडोंग के पास अरलियांग रियाट कुनोंग्रिम में एक गहरी खाई से बरामद हुआ। जांच में पता चला कि सोनम का अपने परिवार की फर्म में काम करने वाले एकाउंटेंट राज सिंह कुशवाहा के साथ प्रेम संबंध था।
SIT की जांच में खुलासा हुआ कि सोनम और कुशवाहा ने शादी से पहले ही राजा की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने तीन अनुबंधित हत्यारों आकाश, विशाल और आनंद को लगभग 20 लाख रुपये में हायर किया। हत्या को सोहरा की खाई में सोनम की मौजूदगी में अंजाम दिया गया। चार्जशीट में पर्याप्त सामग्री, साक्ष्य और दस्तावेज शामिल हैं, जो इस साजिश को साबित करते हैं।
पुलिस ने बताया कि तीन अन्य सह-आरोपियों लोकेंद्र तोमर, बल्ला अहिरवार और शिलोम जेम्स के खिलाफ साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में एक पूरक चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी, जो वर्तमान में जमानत पर हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में कठोर सजा की मांग की है, जबकि याचिकाकर्ताओं ने इसे प्रेम और धोखे की सनसनीखेज कहानी करार दिया।
सोनम और कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। SIT ने कहा कि अतिरिक्त फोरेंसिक रिपोर्ट्स के आधार पर जांच को और मजबूत किया जाएगा। यह मामला न केवल व्यक्तिगत विश्वासघात की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सुनियोजित साजिशें सामाजिक और कानूनी व्यवस्था को चुनौती देती हैं।
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