गोरखपुर, 15 अगस्त 2025। Raid in Spice Factory: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 15 अगस्त 2025 को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के लाल डिग्गी क्षेत्र में स्थित एक नकली मसाला फैक्ट्री पर छापा मारा। इस छापेमारी में भारी मात्रा में मिलावटी मसाले और हानिकारक पदार्थ बरामद किए गए, जो लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते थे। खाद्य सुरक्षा विभाग की इस कार्रवाई ने एक बार फिर मिलावटखोरी के काले कारोबार को उजागर किया है।
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छापेमारी के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग की 10 सदस्यीय टीम ने राजघाट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर, लाल डिग्गी में अमित कुमार गिरधारी लाल की मसाला पैकिंग फैक्ट्री पर दबिश दी। जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में खराब हो चुकी लौंग, दालचीनी, तेजपत्ता, और अन्य मसालों का उपयोग हो रहा था। इसके अलावा, एक बोरी रंगे हुए सिंथेटिक चावल भी बरामद हुआ, जिसे मसालों में मिलावट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। फैक्ट्री में साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब थी और मसाले गंदे फर्श पर बिना ढके रखे गए थे, जो खाद्य सुरक्षा मानकों का स्पष्ट उल्लंघन है।
टीम ने करीब 300 बोरी खड़े और पीसे हुए मसाले जब्त किए, जिनमें हल्दी, लाल मिर्च, धनिया और अन्य मसाले शामिल थे। इसके साथ ही, मशीनों को सील कर फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। नौ नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं और यदि इनकी रिपोर्ट में मिलावट की पुष्टि होती है, तो संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि फैक्ट्री में रंग और अन्य हानिकारक पदार्थों का उपयोग करके नकली मसाले तैयार किए जा रहे थे, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।
इस कार्रवाई के दौरान संचालक अमित कुमार ने दावा किया कि उसका कारोबार छोटे स्तर का है और बड़े मिलावटखोरों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इस बयान के आधार पर खाद्य विभाग अब अन्य संदिग्ध इकाइयों की जांच में जुट गया है। यह छापेमारी गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं का हिस्सा है, जहां पहले भी नकली पनीर और बोतलबंद पानी की फैक्ट्रियों पर कार्रवाई हो चुकी है। यह घटना उपभोक्ताओं के लिए एक चेतावनी है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय FSSAI लाइसेंस और पैकेजिंग की सावधानीपूर्वक जांच करें। खाद्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध खाद्य सामग्री की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें ताकि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
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