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राहुल गांधी का मुख्य चुनाव आयुक्त पर गंभीर आरोप, कहा- “लोकतंत्र को तबाह करने वालों को बचाने का खेल चल रहा”

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Rahul Gandhi

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नई दिल्ली, 18 सितंबर 2025। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त लोकतंत्र को कमजोर करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं, जिससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ रही है। यह बयान बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया, जहां राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जिससे सियासी हलकों में हड़कंप मच गया है।

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राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है, लेकिन मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचा रहे हैं, जो लोकतंत्र की नींव को खोखला कर रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि आयोग ने हरियाणा में मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायतों को नजरअंदाज किया और जम्मू-कश्मीर में प्रचार के लिए विपक्षी दलों को समान अवसर नहीं दिए गए। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, लेकिन आयोग ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने कहा, “लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता को जागरूक होना होगा, क्योंकि सत्ताधारी दल और उनके सहयोगी संस्थानों के जरिए लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल रहे हैं।”कांग्रेस नेता ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि विपक्षी दलों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से काम हुआ। उन्होंने दावा किया कि चुनावी प्रक्रिया में धांधली, धनबल और सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आईं, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ने इन पर चुप्पी साध रखी। राहुल ने यह भी कहा कि आयोग के कुछ फैसले, जैसे प्रचार समय में कटौती और मतदान केंद्रों पर अपर्याप्त व्यवस्था, विपक्षी दलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लिए गए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर यही स्थिति रही, तो भारत का लोकतंत्र “नाममात्र” का रह जाएगा।राहुल गांधी ने जनता से अपील की कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आवाज उठाएं। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग को जनता का सेवक होना चाहिए, न कि सत्ताधारी दल का।” उन्होंने यह भी मांग की कि मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और उनकी नियुक्ति में विपक्ष की राय शामिल होनी चाहिए। कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में उठाने और देशव्यापी अभियान चलाने की योजना बनाई है।चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आयोग जल्द ही बयान जारी कर सकता है।

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इन आरोपों को “निराधार” और “विपक्ष की हताशा” करार दिया। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “राहुल गांधी हर हार के बाद संस्थानों पर कीचड़ उछालते हैं। जनता ने उन्हें बार-बार खारिज किया है, फिर भी वे लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं।”यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल का यह बयान विपक्ष को एकजुट करने और मतदाताओं में अपनी बात पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, अगर इन आरोपों की जांच नहीं हुई, तो यह चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठा सकता है। राहुल गांधी के बयान ने एक बार फिर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर बहस छेड़ दी है, और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्माने की संभावना है।

 

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