रायबरेली, 12 सितंबर 2025। Rae Bareilly: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे ने राजनीतिक हलचल मचा दी। एक ओर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल के काफिले को रोककर जमकर विरोध किया, तो दूसरी ओर उनके बेटे ने हाथ मिलाकर माहौल को हल्का कर दिया। इस घटना ने यूपी की राजनीति को नया मोड़ दिया है, जहां विरोध और सहयोग की अजीबो-गरीब मिसाल देखने को मिली।
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जनता भी इस नजारे से चकरा गई है, क्योंकि एक ही परिवार से विरोध और दोस्ताना का यह संयोजन दुर्लभ है। राहुल गांधी 11 सितंबर 2025 को रायबरेली पहुंचे, जहां उन्होंने प्रजापति समाज के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी ओबीसी, दलित और आदिवासियों की है, लेकिन ये लोग उन्हें आगे बढ़ने नहीं देना चाहते। चुनाव आयोग को भी तानाशाह बताते हुए राहुल ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान हरचंदपुर क्षेत्र में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने अपने समर्थकों के साथ राहुल के काफिले को रोक लिया।
उन्होंने “वापस जाओ” के नारे लगवाए और राहुल पर पीएम मोदी की मां का अपमान करने का आरोप लगाया। पुलिस ने किसी तरह मंत्री को हटाया, लेकिन यह विरोध सुर्खियों में छा गया। दिनेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस यूपी में जड़ें जमाने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता बीजेपी के साथ है।
विरोध के बीच दोस्ताना माहौल
विरोध की यह घटना जहां एक तरफा लग रही थी, वहीं सम्मेलन स्थल पर माहौल बिल्कुल अलग था। राहुल गांधी के भाषण के बाद जब वे लोगों से मिल रहे थे, तभी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बेटे ने आगे बढ़कर राहुल से हाथ मिला लिया। यह दृश्य कैमरों में कैद हो गया, जिसमें बेटा मुस्कुराते हुए राहुल को अभिवादन करता नजर आया।
खुद मंत्री दिनेश सिंह भी थोड़ी दूर खड़े होकर हंसते हुए इस नजारे को देखते रहे। यह हाथ मिलाना सियासी तनाव के बीच एक अप्रत्याशित मोमेंट साबित हुआ। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी राहुल से मुलाकात की, जो कांग्रेस-एसपी गठबंधन की मजबूती का संकेत देता है।
यूपी राजनीति में नया ट्विस्ट
यह घटना यूपी की राजनीति को परिभाषित कर रही है, जहां पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर संबंध सामान्य रहते हैं। रायबरेली, जो राहुल का पारिवारिक गढ़ है, यहां बीजेपी का दबदबा बढ़ रहा है। लोकसभा चुनाव में दिनेश सिंह ने राहुल के खिलाफ कड़ा मुकाबला किया था। अब विधानसभा चुनावों की तैयारी में यह विरोध कांग्रेस को चुनौती दे रहा है। राहुल ने दौरे के दौरान विकास कार्यों का जायजा लिया और 53 करोड़ की सड़कों का उद्घाटन किया, लेकिन सियासी ड्रामा ने सबका ध्यान खींच लिया।
जनता चकराई
रायबरेली की जनता इस नाटक से चकराई हुई नजर आ रही है। एक तरफ मंत्री का आक्रामक विरोध, तो दूसरी ओर बेटे का दोस्ताना हाथ। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है, जहां लोग इसे “सियासी थिएटर” बता रहे हैं। कुछ का कहना है कि यह बीजेपी की रणनीति है, तो कुछ इसे पारिवारिक संबंधों की मिसाल मान रहे हैं।
कुल मिलाकर, यह घटना यूपी की जटिल राजनीति को उजागर करती है, जहां दुश्मनी और दोस्ती की लकीरें धुंधली हैं। राहुल का दौरा कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास था, लेकिन यह सियासी मसाला बन गया।
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