लखनऊ, 4 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संपत्ति विवादों को कम करने और जनता को आर्थिक राहत देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस निर्णय के तहत पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे और हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क में भारी छूट दी गई है, जिससे अगले पांच वर्षों में जनता के लगभग ₹3800 करोड़ की बचत होने का अनुमान है। इस कदम से न केवल संपत्ति विवादों में कमी आएगी, बल्कि पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा भी आसान और किफायती होगा।
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पारिवारिक संपत्ति बंटवारे में आसानी
योगी सरकार ने अगस्त 2024 में घोषणा की थी कि पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे पर स्टांप शुल्क को घटाकर मात्र ₹5000 कर दिया जाएगा। पहले, उच्च स्टांप शुल्क के कारण लोग संपत्ति रजिस्ट्री से बचते थे और पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे अनौपचारिक तरीकों का सहारा लेते थे। इस नई नीति से अब माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन, और पोते-पोतियों के बीच संपत्ति हस्तांतरण आसान हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल कानूनी वैधता बढ़ेगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
महिलाओं के लिए विशेष राहत
इसके साथ ही, सरकार ने महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में 1% की छूट को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ तक कर दिया है। इससे महिलाओं को ₹1 लाख तक की बचत होगी, जिससे मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और गाजियाबाद जैसे शहरों में मध्यम वर्ग की महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा, जहां ₹1 करोड़ तक की संपत्तियां सामान्य हैं।
नजूल भूमि और माफिया पर नकेल
योगी सरकार ने नजूल भूमि के अवैध कब्जों और संपत्ति माफियाओं के खिलाफ भी सख्ती बरती है। नजूल संपत्ति विधेयक 2024 के तहत, लगभग ₹2 लाख करोड़ की 75,000 एकड़ भूमि को संरक्षित करने की योजना है। सरकार ने माफियाओं से ₹1500 करोड़ की संपत्ति जब्त की और इसे गरीबों के लिए आवास निर्माण में उपयोग करने की योजना बनाई है।
योगी सरकार का यह निर्णय संपत्ति विवादों को कम करने, महिलाओं को सशक्त करने, और अवैध कब्जों पर रोक लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे जनता को ₹3800 करोड़ की बचत होगी और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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