बेंगलुरु, 2 अगस्त 2025। Prajwal Revanna: कर्नाटक के पूर्व सांसद और जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने बलात्कार के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 2 अगस्त 2025 को विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट की अदालत ने 34 वर्षीय प्रज्वल को एक 48 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार और यौन शोषण के मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला हासन जिले के होलेनरसीपुरा में रेवन्ना परिवार के गन्नीकड़ा फार्महाउस से जुड़ा है, जहां पीड़िता काम करती थी।
इसे भी पढ़ें- Lucknow Molestation: मंत्री के विभाग में महिला कर्मचारी से छेड़छाड़, निजी सचिव गिरफ्तार
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले में 123 साक्ष्यों और 26 गवाहों के बयानों के आधार पर लगभग 2000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष ने प्रज्वल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376(2)(k) (पद का दुरुपयोग कर बलात्कार), 376(2)(n) (बार-बार बलात्कार), 354A (यौन उत्पीड़न), 354B (महिला को निर्वस्त्र करने की मंशा से हमला), 354C (दृश्यरति), 506 (आपराधिक धमकी), और 201 (सबूत मिटाने) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66E (निजता का उल्लंघन) के तहत आरोप लगाए थे। फॉरेंसिक साक्ष्यों, खासकर पीड़िता की साड़ी पर मिले डीएनए और वीडियो क्लिप्स, ने दोषसिद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनावों के दौरान प्रज्वल से जुड़े अश्लील वीडियो वायरल हुए। इसके बाद वह जर्मनी भाग गए थे, लेकिन मई 2024 में बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उनकी गिरफ्तारी हुई। प्रज्वल की जमानत याचिकाएं कर्नाटक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थीं। विशेष लोक अभियोजक बी.एन. जगदीश ने अदालत से उम्रकैद की मांग करते हुए कहा कि प्रज्वल ने एक गरीब और अशिक्षित महिला को निशाना बनाया, जो उनकी शक्ति और प्रभाव के आगे असहाय थी।
यह दोषसिद्धि चार में से एक मामले में है, जिसमें प्रज्वल आरोपी हैं। अन्य तीन मामलों की सुनवाई अभी जारी है। कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह समाज को एक मजबूत संदेश देता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
इसे भी पढ़ें- कर्नाटक सामूहिक दफन मामला: SIT जांच में मानव कंकाल बरामद, 100 शवों का दावा








