मुंबई 1 अगस्त 2025: पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में 1 अगस्त 2025 को भारी गिरावट देखी गई जब कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गिरीश कौसगी के इस्तीफे की खबर सामने आई। इस घोषणा के बाद शेयर बाजार में हड़कंप मच गया और कंपनी के शेयर बीएसई पर 15% से अधिक टूटकर 838.3 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गए।
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सुबह 9:28 बजे तक शेयर 10% की गिरावट के साथ 887.6 रुपये पर कारोबार कर रहे थे जबकि बीएसई सेंसेक्स में केवल 0.2% की कमी थी। गिरीश कौसगी ने 30 जुलाई को अपना इस्तीफा सौंपा जो 28 अक्टूबर से प्रभावी होगा। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों और नई व्यावसायिक संभावनाओं की तलाश के लिए यह कदम उठाया है। कौसगी अक्टूबर 2022 में चार साल के कार्यकाल के लिए कंपनी में शामिल हुए थे। उनके नेतृत्व में पीएनबी हाउसिंग ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया, जिसमें जून 2025 की तिमाही में 23% की वृद्धि के साथ 534 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ शामिल है। इसके बावजूद, उनके अचानक इस्तीफे ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि कौसगी ने मजबूत नींव तैयार की है और उनकी रणनीतिक प्राथमिकताएं, व्यावसायिक फोकस और विकास की दिशा बरकरार रहेगी। बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से एक नए अनुभवी पेशेवर की तलाश शुरू कर दी है। नामांकन और पारिश्रमिक समिति के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखरन ने भरोसा जताया कि एक पारदर्शी और योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया के जरिए जल्द ही नया नेतृत्व नियुक्त किया जाएगा। बाजार विश्लेषकों ने इस गिरावट को नेतृत्व में बदलाव के कारण निवेशकों की घबराहट से जोड़ा है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि शेयरों में अगला समर्थन स्तर 798 रुपये पर है, और यदि बिकवाली का दबाव जारी रहा तो यह 751 रुपये तक जा सकता है।
हालांकि, कंपनी ने हाल ही में मजबूत तिमाही नतीजे पेश किए, जिसमें ब्याज आय 1,980 करोड़ रुपये और नेट ब्याज आय 760 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 17% अधिक है। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रवर्तित भारत की तीसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। कंपनी मुख्य रूप से खुदरा गृह ऋण पर केंद्रित है। हाल ही में मई 2025 में कार्लाइल ग्रुप ने अपनी 10.44% हिस्सेदारी बेच दी थी, जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक 28.1% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया। निवेशकों की नजर अब नए सीईओ की नियुक्ति और कंपनी की भविष्य की रणनीति पर टिकी है।
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