वाराणसी, 11 सितंबर 2025। PM Modi Varanasi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी संसदीय सीट वाराणसी में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगूलाम के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। सुबह करीब 11 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से नादेसर स्थित ताज होटल के लिए रवाना हो गए।
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इस छोटे से रोडशो के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने छह स्वागत बिंदुओं पर फूलों की वर्षा, बैंड, ढोल-नगाड़ों और शंखनाद से उनका स्वागत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शहर को सजाया गया था, जो भारत-मॉरीशस की गहरी सांस्कृतिक बंधनों को दर्शाता है।मॉरीशस के पीएम रामगूलाम 10 सितंबर को वाराणसी पहुंचे थे और उनका तीन दिवसीय दौरा 12 सितंबर तक है। वे ताज होटल में ठहरे हैं, जहां आज दोपहर करीब 11 बजे द्विपक्षीय वार्ता हुई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक ‘उन्नत रणनीतिक साझेदारी’ को मजबूत करने पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की। मॉरीशस को हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ‘महासागर विजन’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति का महत्वपूर्ण साझेदार माना जाता है। यह वार्ता मार्च 2025 में पीएम मोदी के मॉरीशस दौरे के बाद हुई, जब दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई दी गई थी।
वाराणसी की प्राचीन नगरी में यह बैठक सभ्यतागत जुड़ाव, आध्यात्मिक संबंधों और जन-जन के बंधनों को रेखांकित करती है। रामगूलाम ने गंगा आरती देखी, रविदास घाट से क्रूज पर सवार हुए और काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन किया। उनके प्रतिनिधिमंडल ने भी गंगा स्नान और पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी ने रामगूलाम के सम्मान में दोपहर का भोज आयोजित किया। इसके बाद पीएम मोदी दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जबकि रामगूलाम अयोध्या, मुंबई और तिरुपति का दौरा करेंगे।
इस बैठक से भारत-मॉरीशस संबंधों में नई गति मिलने की उम्मीद है, जो वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को भी मजबूत करेगी। वराणसी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि सुरक्षा और लॉजिस्टिक व्यवस्थाएं पूरी हैं, जिसमें तीन स्तरीय सुरक्षा कवच और ट्रैफिक प्रबंधन शामिल है। भाजपा ने इसे काशी की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर बताया। यह दौरा दोनों देशों के बीच सतत विकास, समृद्धि और सुरक्षित भविष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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