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PM Modi: काशी से पीएम मोदी का ट्रंप को करारा जवाब, भारत का हित सर्वोपरि, वही करेंगे, जो देश के लिए ठीक होगा

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PM Modi

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वाराणसी, 2 अगस्त 2025। PM Modi:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों और व्यापारिक दबावों पर स्पष्ट जवाब दिया है। ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ और व्यापारिक प्रतिबंधों की धमकी के बाद पीएम मोदी ने कहा, “भारत सरकार वही कदम उठाएगी, जो देश के हित में होगा। हम अपनी संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता पर कोई समझौता नहीं करेंगे।”

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यह बयान वाराणसी में एक जनसभा के दौरान आया, जहां पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों पर जोर देते हुए राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। हाल ही में ट्रंप ने भारत को “टैरिफ किंग” कहते हुए दावा किया था कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ को शून्य करने की पेशकश की है। साथ ही, उन्होंने भारत के खिलाफ सख्त व्यापारिक नीतियों और रूस के साथ व्यापार पर “अतिरिक्त सजा” की धमकी दी थी। इसके जवाब में पीएम मोदी ने काशी में कहा, “भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती मजबूत है, लेकिन यह दोस्ती बराबरी की होनी चाहिए। हम अपने किसानों, उद्योगों और एमएसएमई क्षेत्र को किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखेंगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने कभी भी टैरिफ शून्य करने का वादा नहीं किया और व्यापार समझौते दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होने चाहिए। मोदी ने अपने संबोधन में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर जोर दिया और कहा, “हमारी विदेश नीति और व्यापार नीति देश के 140 करोड़ नागरिकों के हितों पर आधारित है। चाहे वह रूस हो, अमेरिका हो या कोई और देश, भारत का हर फैसला अपनी जनता के लिए होगा।” यह बयान ट्रंप के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने उनके दबाव में पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम किया।

भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का हिस्सा हैं, न कि किसी बाहरी दबाव का नतीजा। विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी का यह बयान भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति को दर्शाता है। अमेरिका के साथ भारत का व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर है, और भारत ने हाल ही में कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम किए हैं, जैसे बादाम और सेब। लेकिन, मोदी ने स्पष्ट किया कि भारतीय किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा पहली प्राथमिकता है।

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