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Pakistan Border: भारत-पाक सीमा पर गरजेंगी तोपें, असीम मुनीर के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे अगले कुछ दिन

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2025। Pakistan Border: पाकिस्तान और उसके सेना प्रमुख असीम मुनीर के लिए अगले 12 दिन बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होने वाले हैं। भारत ने पश्चिमी सीमा पर अपनी ताकत का जबरदस्त प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना संयुक्त रूप से ‘त्रिशूल’ नामक विशाल युद्धाभ्यास आयोजित करेंगी। यह अभ्यास ऑपरेशन सिंदूर के बाद सबसे बड़ा होगा और हाल ही में सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनजर इसका रणनीतिक महत्व और बढ़ जाता है।

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इस अभ्यास से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश मिलेगा कि भारत किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। रक्षा मंत्रालय ने इस युद्धाभ्यास के लिए ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी कर दी है, जो विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। NOTAM में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पश्चिमी सीमा पर 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक तीनों सेनाएं ‘त्रिशूल’ अभ्यास में भाग लेंगी। इसकी ऊंचाई 28,000 फीट तक आरक्षित रखी गई है, जो अभ्यास की गंभीरता को दर्शाता है।

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मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘JAI’ विजन—जॉइंटनेस (संयुक्तता), आत्मनिर्भरता और इनोवेशन (नवाचार)—के अनुरूप है। इसका उद्देश्य सशस्त्र सेनाओं की एकीकृत रणनीति को मजबूत करना और स्वदेशी हथियारों की युद्धक्षमता का परीक्षण करना है। ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी उपकरणों ने दुश्मन को करारा धक्का दिया था, और ‘त्रिशूल’ में भी इनकी भूमिका निर्णायक होगी। दक्षिणी कमांड के जवान इस अभ्यास में मुख्य भूमिका निभाएंगे।

अभ्यास विभिन्न चुनौतीपूर्ण इलाकों में होगा—कच्छ के क्रीक क्षेत्र का दलदली इलाका, पश्चिमी सीमा का रेगिस्तानी भाग और सौराष्ट्र तट का समुद्री क्षेत्र। जवान खुफिया संग्रह, निगरानी और टोही (ISR) गतिविधियां करेंगे। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, साइबर हमलों का मुकाबला और अन्य आधुनिक युद्ध तकनीकों का अभ्यास होगा। तोपें गरजेंगी, विमान आसमान में छाए रहेंगे और नौसेना समुद्र में सतर्क रहेगी। यह अभ्यास न केवल संयुक्त संचालन क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि उभरते खतरों से निपटने की तैयारी भी सुनिश्चित करेगा।

सैटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने अपने एक्स हैंडल पर NOTAM की तस्वीरें साझा करते हुए इसे असामान्य बताया है। उन्होंने कहा कि इतनी ऊंचाई का आरक्षण हाल के वर्षों में दुर्लभ है, जो भारत की हवाई शक्ति की तैयारियों को रेखांकित करता है। पाकिस्तान की ओर से सर क्रीक में घुसपैठ की कोशिशें और उकसावे की घटनाएं इस अभ्यास को और प्रासंगिक बनाती हैं।

भारत का यह कदम क्षेत्रीय शांति के लिए सकारात्मक है, लेकिन आक्रामकता के खिलाफ सख्त चेतावनी भी। रक्षा मंत्रालय ने जोर दिया कि सशस्त्र सेनाएं हर संभावित खतरे के लिए सजग हैं। यह अभ्यास आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जहां स्वदेशी तकनीकें वैश्विक स्तर पर अपनी धाक बिठाएंगी। कुल मिलाकर, ‘त्रिशूल’ भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक बनेगा।

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