बागपत, 14 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के एक नेता ने बिजली विभाग के अधिकारियों को खुली धमकी दी है। एक सार्वजनिक मंच से बोलते हुए, BKU नेता ने बिजली कटौती के मुद्दे पर आक्रोश जताया और कहा कि अगर बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो वे अधिकारियों को “जूते मार-मारकर उनके बाल उतार देंगे।” यह बयान क्षेत्र में बिजली की अनियमित आपूर्ति और ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है।
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बागपत में बिजली कटौती लंबे समय से एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसके कारण किसानों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर गर्मी के मौसम में बिजली की अनुपलब्धता ने खेती और दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। BKU नेता ने अपने संबोधन में प्रशासन और बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।नेता ने यह भी आरोप लगाया कि बिजली विभाग के अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को नजरअंदाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत और फसलों को बचाने के लिए बिजली जरूरी है, लेकिन बार-बार की कटौती से उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। इस दौरान मंच पर मौजूद अन्य किसानों ने भी उनके बयान का समर्थन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।यह घटना बागपत में प्रशासन और किसानों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करती है। BKU ने पहले भी कई बार बिजली, पानी और अन्य ग्रामीण मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किए हैं। इस बार नेता का यह उग्र बयान चर्चा का विषय बन गया है और प्रशासन पर दबाव बढ़ा रहा है।
बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, विभाग इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली कटौती के कारण न केवल खेती, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और दैनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। BKU नेता की इस धमकी के बाद प्रशासन पर जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति को सुचारू करने का दबाव बढ़ गया है।
बागपत में BKU नेता की धमकी ने बिजली कटौती के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है। अब देखना यह है कि बिजली विभाग इस चेतावनी के बाद कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और क्या किसानों की समस्याओं का समाधान हो पाता है।
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