Home » देश » Nirav Modi Extradition: न पूछताछ, न जांच, नीरव मोदी को भारत लाने के लिए एजेंसियों ने यूके को दी सॉवरेन गारंटी

Nirav Modi Extradition: न पूछताछ, न जांच, नीरव मोदी को भारत लाने के लिए एजेंसियों ने यूके को दी सॉवरेन गारंटी

Share :

Nirav Modi Extradition

Share :

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025। Nirav Modi Extradition:  लंदन की एक अदालत में फरार हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर नया विवाद खड़ा हो गया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक घोटाले के मुख्य आरोपी मोदी ने हाल ही में अपनी प्रत्यर्पण कार्यवाही को फिर से खोलने की याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि भारत लौटने पर उसे कई एजेंसियों द्वारा पूछताछ और यातना का सामना करना पड़ेगा।

इसे भी पढ़ें- Godara-Goldi Gang: गोदारा-गोल्डी गैंग का विस्तार, 300+ बदमाशों का नेटवर्क, वेस्ट यूपी में वर्चस्व के लिए Gen Z गुर्गे सक्रिय

इस दावे के जवाब में भारत सरकार ने ब्रिटिश अदालत को एक संयुक्त सॉवरेन गारंटी दी है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मोदी को प्रत्यर्पित करने पर न तो कोई पूछताछ होगी और न ही कोई नई जांच। वह केवल मुकदमे का सामना करेगा। यह गारंटी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ), कस्टम्स और इनकम टैक्स विभाग की ओर से जारी की गई है। मोदी का मामला भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में शुमार है।

2018 में सामने आए इस घोटाले में मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी ने पंजाब नेशनल बैंक से 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। मोदी जनवरी 2018 में भारत छोड़कर लंदन भाग गया था। मार्च 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे गिरफ्तार किया। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फरवरी 2021 में प्रत्यर्पण का आदेश दिया, जिसे यूके हाई कोर्ट ने नवंबर 2022 में बरकरार रखा। मोदी ने सभी कानूनी उपायों का सहारा लिया, लेकिन मई 2025 में उसकी 10वीं जमानत याचिका भी खारिज हो गई। उसे फ्लाइट रिस्क घोषित किया गया।

ईडी ने उसके 2,598 करोड़ रुपये के संपत्तियों को जब्त किया है, जिनमें से 981 करोड़ पीड़ित बैंकों को लौटाए गए।पिछले महीने मोदी ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट में नई याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया कि प्रत्यर्पण के बाद उसे अकेले कैद, यातना और कई एजेंसियों की पूछताछ का डर है। भारत ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए एक पत्र के जरिए गारंटी दी। इसमें कहा गया कि मोदी मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जो हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है। यह बैरक यूरोपीय मानकों पर बनी है, जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं और सामान्य कैदियों से अलग है।

एक वीडियो भी भेजा गया, जो 2019-2020 में दिए गए वीडियो की तरह है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारी जांच लगभग पूरी हो चुकी है। मोदी को केवल मुकदमे के लिए चाहिए। कोई अतिरिक्त हिरासत या पूछताछ नहीं होगी।” यह गारंटी मेहुल चोकसी मामले में बेल्जियम को दी गई थी, जहां अकेले कैद न करने का वादा किया गया था।भारतीय एजेंसियां आशावान हैं कि 23 नवंबर 2025 को होने वाली सुनवाई में मोदी की याचिका खारिज हो जाएगी। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) इस गारंटी को अदालत में पेश करेगी। यह कदम भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में पारदर्शिता को मजबूत करता है, लेकिन विपक्ष इसे ‘राजनीतिक दबाव’ बता रहा है।

मोदी का प्रत्यर्पण लंबे समय से लंबित है, और यह गारंटी इसे तेज करने का प्रयास लगता है। विशेष सीबीआई कोर्ट ने हाल ही में मोदी के जीजा मियांक मेहता को माफ़ी दे दी, जो अप्रोवर बन गया। यह घटना भारत-यूके संबंधों में न्यायिक सहयोग की चुनौतियों को उजागर करती है, जहां जेल स्थितियां और मानवाधिकार प्रमुख मुद्दे हैं। कुल मिलाकर, यह गारंटी प्रत्यर्पण को अंतिम रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

इसे भी पढ़ें- Blackout Threat: आतंकी पन्नू ने फिर उगला जहर, दिवाली पर दी ब्लैकआउट की धमकी, राहुल गांधी को सराहा ‘सिखों के खतरे’ पर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
News Portal Development Services in Uttar Pradesh
Cricket Score
सबसे ज्यादा पड़ गई
Share Market

शहर चुनें

Follow Us