Home » देश » जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की भर्ती पर NIA और CIK की बड़ी कार्रवाई, चार जिलों में छापेमारी, हथियार और डिजिटल सबूत बरामद

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की भर्ती पर NIA और CIK की बड़ी कार्रवाई, चार जिलों में छापेमारी, हथियार और डिजिटल सबूत बरामद

Share :

Share :

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने घाटी के कई इलाकों में छापेमारी कर अहम सुराग जुटाए हैं।

चार जिलों में CIK की छापेमारी

आतंकी भर्ती नेटवर्क की जांच कर रही CIK ने श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम और एक अन्य जिले में दस अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई एक आतंकी मामले से जुड़ी है जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के सीमा पार बैठे कमांडर अब्दुल्ला गाज़ी की अहम भूमिका सामने आई है। माना जा रहा है कि वह जम्मू-कश्मीर में स्लीपर सेल और नए युवाओं की भर्ती कराने वाले नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था।

पीएम मोदी की यात्रा से एक दिन पहले NIA का बड़ा ऑपरेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर यात्रा से ठीक एक दिन पहले, 5 जून 2025 को एनआईए ने घाटी के 32 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। एनआईए के मुताबिक, यह तलाशी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की साजिशों से जुड़े एक बड़े केस की जांच का हिस्सा है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर को अशांत करना है।

क्या-क्या मिला तलाशी में?

एनआईए की कार्रवाई के दौरान एजेंसियों को कई चौंकाने वाली चीज़ें हाथ लगी हैं:

  • दो जिंदा कारतूस,

  • एक गोली का सिरा,

  • एक संगीन (बंदूक पर लगने वाला चाकू)

  • कई डिजिटल डिवाइस, जिनमें भारी मात्रा में आपत्तिजनक डेटा और दस्तावेज पाए गए।

इन तमाम सबूतों की गहराई से जांच की जा रही है ताकि आतंकी साजिशों के पीछे की पूरी कहानी सामने लाई जा सके।

पाक समर्थित संगठनों के मददगारों पर भी शिकंजा

NIA की इस छापेमारी में कई हाइब्रिड आतंकियों और एक्टिव सहयोगियों के ठिकानों की तलाशी ली गई। ये लोग अलग-अलग आतंकी संगठनों जैसे—

  • द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)

  • यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू-कश्मीर (ULFJK)

  • मुझाहिदीन गजवत-उल-हिंद

  • जम्मू-कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स

  • कश्मीर टाइगर्स

  • पीएएएफ

—जैसे पाकिस्तानी आतंकी गुटों से जुड़े हुए हैं। ये सभी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल-बद्र जैसे प्रतिबंधित आतंकी नेटवर्क के संपर्क में हैं।

आतंकियों की भर्ती और घाटी में साजिश का पर्दाफाश

NIA ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ जांच इसलिए हो रही है क्योंकि उनके संबंध सीधे तौर पर आतंकियों की भर्ती, हथियारों की सप्लाई और घाटी में गड़बड़ी फैलाने वाली गतिविधियों से जुड़े पाए गए हैं।

निष्कर्ष:
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं। NIA और CIK की ताज़ा रेड से यह साफ है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन अब भी घाटी में गुपचुप तरीके से साजिशें रच रहे हैं, लेकिन भारतीय एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से उन्हें नाकाम करने में जुटी हैं।

देश की सुरक्षा के लिए यह ऑपरेशन बेहद अहम माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
News Portal Development Services in Uttar Pradesh
Cricket Score
सबसे ज्यादा पड़ गई
Share Market

शहर चुनें

Follow Us