नई दिल्ली, 13 अगस्त 2025। NH 66: नेशनल हाईवे-66 के धंसने का मामला अब संसद तक पहुंच गया है, जहां संसद की स्थायी समिति ने इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। यह हाईवे, जो हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को जोड़ता है, निर्माण के दौरान कई खामियों और गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के कारण चर्चा में रहा है। संसदीय समिति ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और संबंधित ठेकेदारों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
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रिपोर्ट में हाईवे के रखरखाव, निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को प्रमुख कारण बताया गया है। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मामलों की स्थायी समिति ने अपनी बैठक में इस मुद्दे पर गहन चर्चा की। समिति ने पाया कि NH-66, जिसे 230 किलोमीटर लंबा सिक्स-लेन हाईवे बनाने के लिए करीब 9 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, में कई जगहों पर सड़क धंसने और दरारें पड़ने की शिकायतें सामने आई हैं। समिति ने इसकी जांच के लिए विशेषज्ञों की एक तकनीकी टीम गठित करने का सुझाव दिया, जो निर्माण में इस्तेमाल सामग्री और इंजीनियरिंग डिजाइन की गुणवत्ता की जांच करे। इसके अलावा, समिति ने NHAI से इस हाईवे के सभी आठ टेंडर खंडों की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि खराब निर्माण के कारण हाईवे पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। सांसदों ने बताया कि इस हाईवे पर अवैध कट, अनियोजित पार्किंग और सड़क किनारे ढाबों के कारण ट्रैफिक जाम और हादसों की संख्या में वृद्धि हुई है। समिति ने सुझाव दिया कि अवैध कट्स को तुरंत बंद किया जाए और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) को लागू किया जाये।
संसदीय समिति ने NHAI को निर्देश दिया कि वह हाईवे पर नियमित सर्वे और सख्त निगरानी सुनिश्चित करे। समिति ने केंद्र सरकार से भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा, ताकि हाईवे का सुचारु संचालन सुनिश्चित हो। समिति ने आधुनिक तकनीकों जैसे रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और डेटा एनालिटिक्स के उपयोग पर जोर दिया। यह मामला न केवल निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करता है, बल्कि सरकारी परियोजनाओं में जवाबदेही की कमी को भी दर्शाता है। संसद में इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई और सुधारात्मक कदमों पर नजर रहेगी।
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