उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वर्ष 2021 में हुए चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में एक बार फिर से नया मोड़ आया है। कोर्ट में एक गवाह ने पूर्व सांसद और जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह पर हत्या की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। यह बयान लखनऊ की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसने इस हाई-प्रोफाइल मामले में सनसनी फैला दी है। 6 जनवरी 2021 को लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में कठौता चौराहे के पास मऊ जिले के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में अजीत सिंह के साथी मोहर सिंह भी घायल हुए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, अजीत सिंह के शरीर पर 25 गोलियों के निशान पाए गए थे, जो इस हत्याकांड की क्रूरता को दर्शाता है। इस मामले में पुलिस ने धनंजय सिंह को साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया था, और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी हुआ था।
कोर्ट में गवाह का बयान
हाल ही में लखनऊ की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान एक गवाह ने धनंजय सिंह पर हत्या की साजिश रचने का सीधा आरोप लगाया। गवाह ने दावा किया कि धनंजय सिंह ने इस हत्याकांड के लिए शूटरों को शरण दी थी और उनकी योजना में शामिल थे। गवाह के मुताबिक, धनंजय सिंह का मकसद अजीत सिंह को आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्याकांड में गवाही देने से रोकना था। अजीत सिंह इस मामले में महत्वपूर्ण गवाह थे, और उनकी हत्या के कुछ ही दिन बाद उनकी गवाही होनी थी। पुलिस जांच में यह भी सामने आया था कि हत्याकांड में शामिल चार शूटरों ने धनंजय सिंह के स्वामित्व वाली लखनऊ के गोमतीनगर एक्सटेंशन में शारदा अपार्टमेंट के एक फ्लैट में शरण ली थी। इस आधार पर पुलिस ने धनंजय सिंह को साजिश में शामिल माना था। हालांकि, धनंजय सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
धनंजय सिंह का इतिहास
जौनपुर से 2009 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर सांसद रह चुके धनंजय सिंह पूर्वांचल के प्रमुख बाहुबली नेताओं में से एक हैं। उनके खिलाफ हत्या, अपहरण और अन्य आपराधिक मामलों में कई मुकदमे दर्ज हैं। अजीत सिंह हत्याकांड में भी उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद 2021 में लखनऊ पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। धनंजय ने बाद में 2023 में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और उन्हें जमानत मिल गई थी। हालांकि, ताजा गवाही ने इस मामले को फिर से गर्म कर दिया है।
पुलिस और कोर्ट की कार्रवाई
पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल मुख्य शूटर गिरधारी विश्वकर्मा को 13 फरवरी 2021 को एक मुठभेड़ में मार गिराया था। गिरधारी ने पुलिस पूछताछ में धनंजय सिंह का नाम लिया था, जिसके आधार पर पूर्व सांसद को साजिशकर्ता बनाया गया। लखनऊ पुलिस ने धनंजय की अवैध संपत्तियों की जांच के लिए आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी पत्र लिखा था। विशेष अदालत में अब इस मामले की सुनवाई तेज होने की उम्मीद है। गवाह के बयान ने धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, और कोर्ट के अगले फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं। इस बीच, धनंजय सिंह के समर्थकों का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और उनके नेता को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
यह हत्याकांड और धनंजय सिंह के खिलाफ ताजा आरोप पूर्वांचल की सियासत में बड़ा मुद्दा बन सकते हैं। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी, जो बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के समर्थन से जौनपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं, ने भी इस मामले में अपने पति का बचाव किया है। दूसरी ओर, विपक्षी दल, खासकर समाजवादी पार्टी, ने इस मामले को बीजेपी सरकार पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया है। आगामी सुनवाई में कोर्ट के फैसले से न केवल धनंजय सिंह का भविष्य तय होगा, बल्कि यह पूर्वांचल की राजनीति और बाहुबल के प्रभाव पर भी असर डाल सकता है।