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Nepal Protest: नेपाल जेल तोड़ भागे कैदियों के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, 10 गिरफ्तार

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Nepal Protest

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लखनऊ 11 सितंबर 2025। Nepal Protest:  नेपाल में हाल के दिनों में भड़की अशांति और जेल तोड़ की घटनाओं ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। नेपाल के महोत्तरी जिले में जालेश्वर जेल और काठमांडू के दिल्ली बाजार जेल से सैकड़ों कैदियों के भागने की घटना के बाद भारत ने अपनी सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अब तक 10 कैदियों को पकड़ा है, जो भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। यह कार्रवाई बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर की गई है, जहां सुरक्षा बलों ने सतर्कता बढ़ा दी है।

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जालेश्वर जेल में मंगलवार रात को हुई घटना में 577 कैदियों में से 576 ने जेल तोड़कर भागने में सफलता पाई। इसी तरह, काठमांडू के दिल्ली बाजार जेल से भी कई कैदियों के भागने की खबरें सामने आई हैं। इन घटनाओं के पीछे नेपाल में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनाक्रोश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी कार्यालयों और नेताओं के घरों पर हमले किए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस अशांति का फायदा उठाकर कैदियों ने जेल से भागने का प्रयास किया।

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने भारत-नेपाल की 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर निगरानी तेज कर दी है। बिहार के सीतामढ़ी जिले में 10 कैदियों को पकड़ा गया, जिनमें छह नेपाली नागरिक और दो भारतीय शामिल हैं। इनमें रामगुलाम महतो, विनोद राय, मोजाहिद अंसारी, सुरेंद्र साह सोनार, इंद्रेश मंडल, और कृष्ण कुमार महतो (सभी नेपाल के विभिन्न जिलों से) के साथ-साथ बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर निवासी मोहन कुमार और मोतिहारी के परसौनी खेम निवासी गुड्डू कुमार शामिल हैं। इसके अलावा, रियाज दफाली और राजेश तमांग को भी हिरासत में लिया गया है।

ये सभी कैदी विचाराधीन थे और अब स्थानीय पुलिस को सौंप दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिलों में भी पांच कैदियों को पकड़ा गया, जो दिल्ली बाजार जेल से भागे थे। एसएसबी ने इन कैदियों को सीमा पर संदिग्ध गतिविधियों के दौरान पकड़ा और स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। जांच में पता चला कि ये कैदी बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली एसएसबी ने नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के साथ मिलकर सीमा पर संयुक्त गश्त बढ़ा दी है। नेपाल में अशांति के कारण भारत ने सीमा पर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू की है। बिहार में काठमांडू मैत्री बस सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी सीमावर्ती जिलों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि सीमा पर कड़ी निगरानी की जा रही है और प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। मधुबनी के एसपी योगेंद्र कुमार ने भी पुष्टि की कि सीमा पर संदिग्ध तत्वों को रोकने के लिए सघन जांच की जा रही है। नेपाल में हिंसा के कारण 19 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल होने की खबर है। प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन तेज किया, जिसके चलते स्थिति अनियंत्रित हो गई।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस बात से चिंतित हैं कि अशांति का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। इसके चलते सीमा पर मदद डेस्क स्थापित किए गए हैं, जो भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में सहायता कर रहे हैं। यह कार्रवाई भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता है। सुरक्षा बलों की तत्परता ने संभावित खतरे को टाल दिया है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। नेपाल में शांति बहाली और जेल तोड़ की घटनाओं पर नियंत्रण होने तक भारत अपनी सीमाओं पर कड़ी निगरानी बनाए रखेगा।

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