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Mehul Choksi Extradition: भारत ने बेल्जियम को दी जेल में ‘मानवीय’ सुविधाओं की गारंटी

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Mehul Choksi Extradition

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नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025। Mehul Choksi Extradition: भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी, जो 25,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का मुख्य आरोपी है, के प्रत्यर्पण को लेकर भारत ने बेल्जियम सरकार को आश्वासन दिया है। भारत के गृह मंत्रालय ने बेल्जियम के न्याय मंत्रालय और संबंधित न्यायिक अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भेजकर चोकसी की हिरासत की शर्तों को विस्तार से बताया है।

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यदि चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसे मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां उन्हें ‘पांच सितारा’ जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप होंगी। चोकसी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 409, 420, 477ए, 201 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोप हैं। अप्रैल 2025 में भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के एंटवर्प में उनकी गिरफ्तारी हुई थी, और उनकी जमानत याचिका को ‘भागने का जोखिम’ बताकर खारिज कर दिया गया था।

प्रत्यर्पण सुनवाई सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली है। भारत ने बेल्जियम को आश्वस्त किया है कि चोकसी को एकल कारावास में नहीं रखा जाएगा। बैरक नंबर 12, जो मुख्य जेल से अलग है, में भीड़भाड़ नहीं होगी और प्रत्येक कैदी को कम से कम तीन वर्ग मीटर का निजी स्थान मिलेगा। आर्थर रोड जेल में चोकसी को स्वच्छ और हवादार सेल में रखा जाएगा, जिसमें तीन सीलिंग पंखे, छह फ्लोरोसेंट लाइट्स, और मच्छरों से बचाव के लिए जालीदार खिड़कियां होंगी। सेल में स्वच्छ पेयजल, 24 घंटे चिकित्सा सुविधा और पर्याप्त शौचालय व स्नान व्यवस्था होगी।

चोकसी को कपास का गद्दा, तकिया, चादर और कंबल प्रदान किया जाएगा और चिकित्सीय आधार पर बिस्तर भी उपलब्ध हो सकता है। इसके अलावा, उन्हें रोजाना एक घंटे से अधिक समय के लिए व्यायाम और मनोरंजन की सुविधा मिलेगी, जिसमें शतरंज, बैडमिंटन और योग जैसी गतिविधियां शामिल हैं। भोजन की व्यवस्था भी पर्याप्त और पौष्टिक होगी। भारत ने 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी और जेल कर्मचारियों की मौजूदगी के साथ सुरक्षा और हिंसा से बचाव की गारंटी दी है।

ये आश्वासन यूरोपीय मानवाधिकार मानकों और यूरोप परिषद की यातना निवारण समिति (सीपीटी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं। गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार और जेल प्रशासन के साथ मिलकर ये गारंटियां तैयार की हैं, ताकि प्रत्यर्पण प्रक्रिया में मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को दूर किया जा सके। यह कदम भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत भगोड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है।

हालांकि, चोकसी के वकील इस आधार पर प्रत्यर्पण का विरोध कर सकते हैं कि भारत में उनकी सुरक्षा और निष्पक्ष सुनवाई पर सवाल उठ सकते हैं। बेल्जियम की अदालतें अब इन आश्वासनों की समीक्षा करेंगी। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनयिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है।

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