नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025। Mangal Mahadasha: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की महादशाएं जीवन के विभिन्न चरणों को प्रभावित करती हैं, और मंगल महादशा इन्हीं में सबसे ऊर्जावान लेकिन चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। कुंडली के लाल ग्रह मंगल की यह दशा करीब सात वर्ष तक चलती है, जो व्यक्ति को साहस, जोश और नेतृत्व का तोहफा देती है, लेकिन साथ ही क्रोध, विवाद और संघर्ष की आंधी भी ला सकती है।
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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मंगल की स्थिति कुंडली के लग्न, भाव और अन्य ग्रहों के साथ उसके योग पर निर्भर करती है। यदि मंगल उच्च का या शुभ भावों में स्थित हो, तो यह समय करियर में उड़ान भरने का होता है, लेकिन नीच का या अशुभ योग होने पर दुर्घटनाएं, कानूनी पचड़े और स्वास्थ्य हानि का खतरा मंडराता रहता है। मंगल महादशा की अवधि सात वर्ष की होती है, जो व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करती है।
सकारात्मक पक्ष में यह आत्मविश्वास बढ़ाती है, शारीरिक शक्ति प्रदान करती है और नेतृत्व क्षमता को निखारती है। नौकरी-पेशे में तेजी आ सकती है, खासकर सेना, खेल, इंजीनियरिंग या व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में। लेकिन नकारात्मक प्रभावों में क्रोध का उफान, परिवारिक कलह, कोर्ट-कचहरी के झगड़े और वित्तीय उतार-चढ़ाव प्रमुख हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से रक्तचाप, बुखार, चोट-चोट या सर्जरी जैसी परेशानियां आम हैं।
इस दौरान मंगल की अंतर्दशा जैसे राहु, केतु या शनि की अशुभ प्रभाव को और बढ़ा सकती है, जबकि गुरु या शुक्र की अंतर्दशा राहत देती है। ज्योतिषी बताते हैं, “मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है, जो जन्म कुंडली में यदि छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो, तो विवादों का डेरा बना देता है। “मंगल की अशुभ महादशा से निपटने के लिए ज्योतिष में कई सरल लेकिन प्रभावी उपाय सुझाए गए हैं।
ये हैं उपाय
सबसे पहले, मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और बजरंगबली को बूंदी के लड्डू का प्रसाद चढ़ाएं। इससे क्रोध की ज्वाला शांत होती है और साहस सकारात्मक दिशा में बहने लगता है।
दूसरा उपाय है पान का बीड़ा अर्पित करना मंगलवार को हनुमान जी को गुटखा रहित पान का बीड़ा चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिकार होता है।
तीसरा, दान का महत्व अपार है, मंगलवार को गुड़ और भुने चने गाय या बंदरों को खिलाएं, जो मंगल दोष को कम करता है। मंत्र जाप भी अचूक है। ‘ॐ अं अंगारकाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप मंगलवार से शुरू करें, या हनुमान मंत्र ‘राम भक्त हनुमान’ का नियमित पाठ करें। यदि कुंडली में मंगल शुभ हो, तो मूंगा रत्न (कोरल) सोने या तांबे की अंगूठी में धारण करें, लेकिन अशुभ स्थिति में इससे परहेज करें।
ज्योतिषी की सलाह अनिवार्य है, क्योंकि गलत रत्न और नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, मंगलवार को लाल वस्त्र पहनें, मसूर दाल का दान करें और क्रोध पर काबू रखने के लिए ध्यान-योग अपनाएं।ये उपाय न केवल मंगल महादशा के दुष्प्रभावों से बचाते हैं, बल्कि जीवन को संतुलित बनाते हैं। याद रखें, ज्योतिष मार्गदर्शन है, कर्म ही अंतिम सत्य। यदि आप मंगल दशा में हैं, तो इन उपायों से जीवन की राह सुगम हो जाएगी।
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