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योगी सरकार का बड़ा प्लान: सड़कें, मेट्रो और टाउनशिप से चमकेगा लखनऊ SCR, 2.29 करोड़ लोगों को मिलेगा नया जीवन!
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380 पेज की रिपोर्ट से बदलेगी लखनऊ की किस्मत: फ्लाईओवर, RRTS और ग्रीन सिटी का सपना साकार!
लखनऊ, 4 सितंबर 2025। Lucknow SCR: उत्तर प्रदेश की राजधानी, अब दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन की तरह एक विश्व स्तरीय स्मार्ट सिटी के रूप में उभरने वाली है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को ‘लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन (SCR)’ का नाम दिया है, जिसके तहत लखनऊ के साथ-साथ पांच अन्य जिलों हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को शामिल किया गया है।
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इस योजना का मुख्य लक्ष्य लखनऊ को वैश्विक स्तर पर एक आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल और स्मार्ट शहर बनाना है, जहां सुनियोजित शहरीकरण से जनसंख्या का दबाव कम हो सके और आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयां छुई जा सकें। सरकार ने इस परियोजना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है, जो इस क्षेत्र के भविष्य को पूरी तरह बदलने का वादा करती है। यह SCR परियोजना कुल 27,826 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र को कवर करेगी, जिसमें 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 2.29 करोड़ लोगों की आबादी शामिल है।
इस योजना के केंद्र में बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास है, जिसमें सड़कें, फ्लाईओवर, मेट्रो रेल, नई टाउनशिप और अन्य आधुनिक सुविधाएं प्रमुख हैं। चेन्नई की एक प्रमुख कंसल्टेंट फर्म ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को इस परियोजना की विस्तृत योजना वाली 380 पेज की रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी, एलिवेटेड कॉरिडोर और टिकाऊ विकास पर विशेष जोर दिया गया है। हालांकि, फर्म का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को लागू करने के लिए जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने हेतु दो अन्य कंपनियों का चयन भी हो चुका है।
यह रिपोर्ट SCR को एक एकीकृत विकास क्षेत्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लखनऊ को उत्तर भारत का प्रमुख आर्थिक केंद्र बना सकती है।परिवहन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में SCR योजना में कई क्रांतिकारी बदलाव प्रस्तावित हैं। सबसे पहले, लखनऊ मेट्रो का विस्तार आसपास के जिलों तक किया जाएगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने इसके लिए आठ नए मार्गों का प्रस्ताव तैयार किया है, जो यात्रियों को तेज और सुविधाजनक परिवहन प्रदान करेंगे। इसके अलावा, दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की तर्ज पर एक समान प्रणाली SCR में लागू करने पर विचार चल रहा है, जो हाई-स्पीड ट्रेनों से जिलों को जोड़ेगी।
एक और प्रमुख परियोजना 300 किलोमीटर लंबा आउटर रिंग रोड है, जो लखनऊ को छह जिलों से सीधे जोड़ेगा। यह रिंग रोड किसान पथ की तरह डिजाइन किया जाएगा और लखनऊ से 15-20 किलोमीटर की दूरी पर बनेगा। इससे अयोध्या, वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों से आने वाले वाहनों के लिए बाईपास की सुविधा मिलेगी, जो ट्रैफिक जाम को कम करेगी। रिंग रोड आगरा एक्सप्रेस-वे और सुल्तानपुर रोड जैसे प्रमुख हाईवे से जुड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।इसके अतिरिक्त, योजना में हाईवे और रिंग रोड का विस्तार, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम का विकास शामिल है।
इसमें टैक्सी-ऑटो स्टैंड, मल्टीलेवल पार्किंग, स्ट्रीट वेंडर जोन, बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजनाएं हैं। बस स्टॉपों को आधुनिक बनाया जाएगा और लॉजिस्टिक सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। लखनऊ हवाई अड्डे का विस्तार भी इस योजना का हिस्सा है, साथ ही मालवाहक परिवहन के लिए विशेष लॉजिस्टिक हब स्थापित किए जाएंगे। ये सभी बदलाव न केवल यात्रा को आसान बनाएंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन ट्रांसपोर्ट पर फोकस है।
आवासीय विकास के मामले में SCR योजना आम लोगों को सस्ते और गुणवत्तापूर्ण घर उपलब्ध कराने पर जोर देती है। नई आवासीय योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें स्लम क्षेत्रों का पुनर्विकास और अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई शामिल है। विशेष रूप से रायबरेली में एम्स जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को मास्टर प्लान में शामिल करते हुए नई टाउनशिप विकसित की जाएंगी। ये टाउनशिप आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी, जैसे पार्क, स्कूल, अस्पताल और व्यावसायिक केंद्र, जो स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाएंगी। कुल मिलाकर, यह योजना लखनऊ SCR को एक स्मार्ट, ग्रीन और आर्थिक रूप से मजबूत क्षेत्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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