लखनऊ, 29 अगस्त 2025। Lucknow Metro: लखनऊ मेट्रो के फेज-1B के निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए व्यापक योजना तैयार की है। 11.165 किलोमीटर लंबा यह पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर चारबाग से वसंत कुंज तक फैला है, जिसमें 12 स्टेशन होंगे—7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड।
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इस परियोजना की अनुमानित लागत 5,801 करोड़ रुपये है, और इसे पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य है। UPMRC के प्रबंध निदेशक (MD) सुशील कुमार ने बताया कि निर्माण के दौरान शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित होने से बचाने के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं। स्टेशनों को चौराहों से हटकर बनाया जाएगा, ताकि मुख्य सड़कों पर जाम की स्थिति न बने।
ट्रैफिक रहेगा निर्बाध
UPMRC ने फेज-1B के लिए स्टेशन डिजाइन में स्मार्ट रणनीति अपनाई है। चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चकेरी जैसे भूमिगत स्टेशन और ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग और वसंत कुंज जैसे एलिवेटेड स्टेशन चौराहों से कुछ दूरी पर बनाए जाएंगे। इससे व्यस्त चौराहों पर निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक बाधित नहीं होगा।
सुशील कुमार ने कहा, “हमने PM गति शक्ति पोर्टल का उपयोग कर रेलवे लाइनों, सीवर, ड्रेन और स्मारकों जैसी बाधाओं की पहले से जांच की है, जिससे निर्माण में देरी न हो।” मेट्रो निर्माण के लिए मिट्टी परीक्षण, हवाई सर्वेक्षण और भूमिगत उपयोगिताओं का मानचित्रण पहले ही पूरा किया जा चुका है।
पुराने लखनऊ की सैर, मेट्रो से आसानयह नया कॉरिडोर पुराने लखनऊ के घनी आबादी वाले क्षेत्रों जैसे अमीनाबाद, याहियागंज, पांडेयगंज और चकेरी को जोड़ेगा, साथ ही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंच को आसान बनाएगा। इसके अलावा, बड़ा और छोटा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, क्लॉक टावर और मूसाबाग जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी।
सुशील कुमार ने कहा, “यह कॉरिडोर पुराने लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर और नए शहर के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।” चारबाग स्टेशन पर मौजूदा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के साथ इंटरचेंज की सुविधा होगी, जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी।
UPMRC ने इस परियोजना के लिए डिटेल्ड डिजाइन कंसल्टेंट (DDC) की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो सिविल, आर्किटेक्चरल, इलेक्ट्रिकल और ट्रैक्शन कार्यों की डिजाइनिंग करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह लखनऊ की आर्थिक, सामाजिक और व्यावसायिक बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
UPMRC ने पहले भी लखनऊ, कानपुर और आगरा में मेट्रो परियोजनाओं को समय से पहले पूरा कर अपनी कार्यकुशलता साबित की है। इस कॉरिडोर के पूरा होने पर लखनऊ का मेट्रो नेटवर्क 34 किलोमीटर तक विस्तारित हो जाएगा, जिससे प्रतिदिन 3 लाख से अधिक यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
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