लखनऊ, 20 अगस्त 2025। लखनऊ की विशेष SC/ST कोर्ट ने एक सनसनीखेज मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए वकील परमानंद गुप्ता को आजीवन कारावास और 5.10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। गुप्ता ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते 29 लोगों के खिलाफ रेप, मारपीट, और SC/ST एक्ट के तहत झूठे मुकदमे दर्ज कराए थे। यह फैसला विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 19 अगस्त 2025 को सुनाया।
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जांच में सामने आया कि गुप्ता ने अपनी पत्नी के ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली पूजा रावत का इस्तेमाल कर विरोधियों अरविंद यादव और अवधेश यादव के खिलाफ फर्जी रेप और SC/ST एक्ट का केस दर्ज कराया। यह मुकदमा एक किराए के कमरे के कब्जे को लेकर रचे गए आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा था। पूजा रावत ने कोर्ट में स्वीकार किया कि कोई ऐसी घटना नहीं हुई थी, और उसने गुप्ता के दबाव में झूठी शिकायत की थी।
कोर्ट ने पूजा को दोषमुक्त कर दिया, लेकिन भविष्य में इस तरह के कृत्य के लिए कड़ी चेतावनी दी। न्यायाधीश त्रिपाठी ने सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्पणी की, “आपने वकालत जैसे सम्मानित पेशे को कलंकित किया है। झूठे मुकदमों की फैक्ट्री बनाकर आपने न केवल कोर्ट का समय बर्बाद किया, बल्कि निर्दोष लोगों का जीवन तबाह करने की कोशिश की।
यह भारतीय कानून के सिद्धांत ‘100 दोषी छूट जाएं, पर एक निर्दोष को सजा न हो’ का उल्लंघन है।” कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और लखनऊ पुलिस कमिश्नर को भी फैसला भेजा, ताकि गुप्ता द्वारा ली गई किसी भी सरकारी राहत राशि की वसूली की जा सके। इस मामले ने झूठे मुकदमों के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कृत्य न केवल न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि समाज में अविश्वास भी पैदा करते हैं।
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