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“यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह: लेडी सिंघम जो डकैतों से लेकर साइबर क्राइम तक हर चुनौती से जीतीं!
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) कमिश्नरेट की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और आधुनिक पुलिसिंग का जीवंत उदाहरण हैं। नवंबर 2022 में जब वे देश की सबसे बड़ी पुलिस कमिश्नरेट्स में से एक नोएडा की कमान संभालने वाली यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बनीं, तो यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं थी, यह एक सशक्त संदेश था कि नेतृत्व में लिंग कोई बाधा नहीं है।

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2000 बैच की इस आईपीएस अधिकारी को नवंबर 2024 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) रैंक पर प्रमोशन मिला, जो उनके 25 साल के शानदार करियर की मुहर है। लक्ष्मी सिंह का जन्म 2 मई 1974 को लखनऊ में हुआ था। लोरेटो कॉन्वेंट से स्कूलिंग के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ बी.टेक किया। इसके बाद समाजशास्त्र में एम.ए. भी पूरा किया।
इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बावजूद उन्होंने सिविल सर्विसेज को चुना और 1999 में यूपीएससी परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल कर महिलाओं में टॉपर बनीं। हैदराबाद की सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान उन्हें ‘बेस्ट प्रोबेशनर’ का सम्मान मिला और प्रधानमंत्री से सिल्वर बैटन व गृह मंत्रालय से 9 एमएम पिस्टल पुरस्कार में प्राप्त हुई। यह शुरुआत ही बता रही थी कि एक असाधारण अधिकारी का उदय हो रहा है।
डकैतों से लेकर हाई-प्रोफाइल केस तक
साहस की मिसाल लक्ष्मी सिंह की पहली बड़ी चुनौती तब आई जब वे बनारस, चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत और बुलंदशहर जैसे जिलों में एसपी/एसएसपी रहीं। उस दौर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में डकैतों का आतंक था। उन्होंने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई, मुखबिर तंत्र को मजबूत किया और कई कुख्यात डकैतों का सफाया किया।

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2013 में डीआईजी बनने के बाद मेरठ में प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (PAC) की कमान संभाली। यहां भी उन्होंने अपराधियों पर छापों की झड़ी लगा दी। 2020 में लखनऊ रेंज की आईजी रहते हुए लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान किसानों को शांत करने में उनकी संवेदनशीलता और नेतृत्व कौशल ने सबका ध्यान खींचा। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। कानपुर में विकास दुबे एनकाउंटर, उन्नाव रेप केस और कई हाई-प्रोफाइल जांचों में उनकी भूमिका सराहनीय रही।

नोएडा में नई क्रांति, स्मार्ट और संवेदनशील पुलिसिंग: 28 नवंबर 2022 को जब लक्ष्मी सिंह ने नोएडा कमिश्नरेट की कमान संभाली, तो उनके सामने चुनौतियां कम नहीं थीं। देश का सबसे तेजी से बढ़ता शहर, कॉर्पोरेट हब, हाईवे पर ट्रैफिक जाम, साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं और महिलाओं की सुरक्षा। उन्होंने तुरंत ‘स्मार्ट पोलिसिंग’ का मंत्र अपनाया।
AI आधारित प्रेडिक्टिव पोलिसिंग: अपराध के हॉटस्पॉट्स की पहले से पहचान कर गश्त बढ़ाई गई।
महिला सुरक्षा पर जोर: ‘मिशन शक्ति’ के तहत पिंक पेट्रोलिंग, वन स्टॉप सेंटर और स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाए।
ट्रैफिक सुधार: इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) को मजबूत किया, जिससे जाम में 30% तक की कमी आई।
साइबर क्राइम पर लगाम: साइबर थानों को हाई-टेक बनाया और फ्रॉड कॉल्स के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए।
पब्लिक ग्रिवांस रिड्रेसल: हर रविवार को जनता दर्शन में खुद शिकायतें सुनती हैं और त्वरित कार्रवाई करती हैं।
इन प्रयासों का नतीजा यह है कि नोएडा में महिलाओं के खिलाफ अपराध में उल्लेखनीय कमी आई है और शहर की कानून-व्यवस्था देश के बड़े शहरों में बेहतरीन मानी जा रही है।
पुरस्कारों की झड़ी: लक्ष्मी सिंह को कई सम्मान मिले हैं।
2016 में पुलिस मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस
2020-21 में यूपी डीजीपी सिल्वर और गोल्ड मेडल
मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक
लखीमपुर खीरी के लिए विशेष मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक
व्यक्तित्व की खासियतें
लक्ष्मी सिंह सिर्फ सख्त अधिकारी नहीं हैं। वे बेहद संवेदनशील भी हैं। पीड़ितों से मिलते समय उनकी आंखों में सहानुभूति और अपराधियों के सामने स्टील की तरह दृढ़ता दिखती है। वे हमेशा कहती हैं, “पुलिस का काम सिर्फ अपराधी पकड़ना नहीं, बल्कि लोगों का भरोसा जीतना है।” उनकी दिनचर्या सुबह 5 बजे शुरू होती है और रात 12 बजे तक चलती है। फिर भी वे परिवार को समय देती हैं।

उनकी बेटी राजलक्ष्मी सिंह और पति राजेश्वर सिंह (पूर्व IPS, वर्तमान में BJP विधायक) उनके सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम हैं। लक्ष्मी सिंह ने साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली लड़की देश की सबसे बड़ी पुलिस कमिश्नरेट चला सकती है। वे हजारों युवतियों के लिए प्रेरणा हैं जो सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं।
नोएडा की सड़कों पर जब पिंक पेट्रोलिंग की गाड़ियां दौड़ती हैं या कोई महिला रात में बेखौफ घर लौटती है, तो उसकी सुरक्षा के पीछे लक्ष्मी सिंह का विजन काम कर रहा होता है। आज जब देश ‘विकसित भारत’ की बात कर रहा है, तो लक्ष्मी सिंह जैसे अधिकारी बता रहे हैं कि विकसित भारत तभी बनेगा जब उसकी बेटियां सुरक्षित होंगी, कानून का राज होगा और पुलिस जनता की दोस्त होगी। लक्ष्मी सिंह सिर्फ एक पुलिस अधिकारी नहीं, बल्कि नई पीढ़ी की आइकन हैं जो साहस, संवेदनशीलता और स्मार्टनेस का अनुपम मेल हैं।
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