नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025। Lakhimpur Kheri Violence: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 20 अक्टूबर को परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लखीमपुर खीरी जाने की छूट दे दी। 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन अदालत ने शर्तों के साथ यह अनुमति प्रदान की।
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जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमाल्य बागची की बेंच ने स्पष्ट किया कि पूर्व शर्तें लागू रहेंगी, कोई राजनीतिक कार्यकर्ता या आम जनता समारोह में नहीं शामिल होंगे। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया कि 23 गवाहों से पूछताछ पूरी हो चुकी है, जबकि 9 गवाहों को सूची से हटा दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस को जांच की प्रगति रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया गया।

आशीष की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने अनुरोध किया था कि उनका मुवक्किल दिवाली पर घर लौटना चाहता है और 22 अक्टूबर तक वापस आ जाएगा। कोर्ट ने इस पर सहमति जताई। यह पहली बार नहीं है जब आशीष को ऐसी छूट मिली। 24 मार्च को रामनवमी पर भी लखीमपुर में परिवार से मिलने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को गवाहों को प्रभावित करने के आरोपों पर राज्य पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी।
आशीष ने इनकार किया और कहा कि जमानत रद्द करने के प्रयासों में ऐसे दावे उठाए जाते हैं। पिछले साल 22 जुलाई को शीर्ष अदालत ने आशीष को जमानत दी थी, लेकिन दिल्ली-लखनऊ से बाहर लखीमपुर न जाने और गतिविधियों पर पाबंदी लगाई। घटना 3 अक्टूबर 2021 को तिकुनिया में हुई, जब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ किसान विरोध कर रहे थे। हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोग मारे गए।
यह मामला राजनीतिक विवादों से घिरा रहा, जहां विपक्ष ने भाजपा पर निशाना साधा। अदालत का यह फैसला जांच की निष्पक्षता बनाए रखते हुए मानवीय पक्ष को दर्शाता है। हालांकि, मामले का पटाक्षेप लंबा खिंच रहा है, जो न्याय प्रक्रिया की जटिलताओं को उजागर करता है। आशीष की अनुपस्थिति में परिवार को त्योहार मनाने का अवसर मिलना एक राहत है, लेकिन कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
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