नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025। Labour Policy: दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। श्रम एवं रोजगार विभाग की नई अधिसूचना के तहत, महिलाएं अब शराब की दुकानों को छोड़कर सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, दुकानों, मॉल्स और अन्य कमर्शियल स्थानों पर रात्रि शिफ्ट (रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक) में काम कर सकेंगी। यह फैसला न केवल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करेगा, बल्कि दिल्ली को 24×7 बिजनेस हब के रूप में स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
अधिसूचना 23 अक्टूबर 2025 को जारी की गई, जो तत्काल प्रभावी है। श्रम विभाग के अनुसार, इस नई नीति का उद्देश्य लिंग समानता को बढ़ावा देना और महिलाओं को रात्रि कार्य में भागीदारी का अवसर देना है। हालांकि, शराब की दुकानों पर यह प्रतिबंध बरकरार रखा गया है, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी महिला कर्मचारी को रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। यह पूरी तरह से उनकी सहमति पर निर्भर होगा।
इसके अलावा, ओवरटाइम (OT) करने पर महिलाओं को दोगुना भुगतान (डबल पेमेंट) मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। सरकार ने सुरक्षा उपायों पर विशेष जोर दिया है। नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए नियोक्ताओं को सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन, सुरक्षित परिवहन सुविधा (केब या शटल सेवा) और 24×7 हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाएं अनिवार्य की गई हैं। यदि कोई उल्लंघन होता है, तो नियोक्ता पर जुर्माना या लाइसेंस रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई होगी। दिल्ली श्रम मंत्री ने कहा, “यह फैसला महिलाओं को उनके करियर में बाधा रहित उड़ान भरने का मौका देगा। हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित और समावेशी कार्यस्थल बने।”
यह निर्णय दिल्ली की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के अनुरूप है। राजधानी में आईटी, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टरों में नाइट शिफ्ट की मांग बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे महिलाओं की कार्यबल भागीदारी 20-25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। उद्योग संगठन फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार, रात्रि कार्य की अनुमति से दिल्ली का जीडीपी ग्रोथ रेट 1-2 प्रतिशत ऊपर जा सकता है। हालांकि, विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया कि सरकार सुरक्षा व्यवस्थाओं को लागू करने में लापरवाही बरतेगी, जबकि भाजपा ने इसे ‘महिला सशक्तिकरण का मील का पत्थर’ बताया।रेखा गुप्ता सरकार के इस कदम का स्वागत महिला संगठनों ने किया है। नारी शक्ति फोरम की अध्यक्ष ने कहा, “यह फैसला लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है, लेकिन अब सरकार को जमीनी स्तर पर निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।”
कुल मिलाकर, यह नीति न केवल महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी, बल्कि दिल्ली को एक प्रगतिशील शहर के रूप में चमकाएगी। भविष्य में, यदि यह सफल रही, तो अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बनेगी। दिल्ली की महिलाएं अब रात के अंधेरे को रोशनी में बदलने को तैयार हैं, जहां करियर और सुरक्षा दोनों साथ-साथ चलें।
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