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Sheesh Mahal: केजरीवाल का विवादित ‘शीश महल’ बनेगा दिल्ली का पहला स्टेट गेस्ट हाउस, जल्द मिलेगी प्रस्ताव को मंजूरी

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नई दिल्ली, 5 अक्टूबर 2025। ‘Sheesh Mahal: दिल्ली सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विवादास्पद आधिकारिक बंगले, जिसे ‘शीश महल’ के नाम से जाना जाता है, को स्टेट गेस्ट हाउस में तब्दील करने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार कर लिया है। सिविल लाइंस स्थित फ्लैगस्टाफ रोड पर बंगला नंबर 6 फिलहाल खाली पड़ा है और इसकी मरम्मत एवं सजावट पर करोड़ों रुपये खर्च होने के कारण यह लंबे समय से विवादों में रहा है।

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दिल्ली का अपना कोई स्थायी गेस्ट हाउस न होने के चलते सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है, ताकि अन्य राज्यों के अधिकारी, मंत्री और अतिथि यहां ठहर सकें। इसके अलावा, प्रशिक्षण कार्यशालाएं, बैठकें और आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें।अधिकारियों के अनुसार, यह प्रस्ताव चार संभावित विकल्पों में से एक है, जिसमें बंगले को गेस्ट हाउस, प्रशिक्षण केंद्र या अन्य सार्वजनिक उपयोग के लिए बदलना शामिल है। पहले चरण में, बंगले में एक आधुनिक कैंटीन या कैफेटेरिया स्थापित किया जाएगा, जो पारंपरिक व्यंजनों पर फोकस करेगी।

खास बात यह है कि यह कैंटीन आम जनता के लिए भी खुली रहेगी, जिससे स्थानीय निवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, पर्याप्त पार्किंग स्पेस, वेटिंग हॉल और अन्य आवश्यक सुविधाएं जैसे वाई-फाई, कॉन्फ्रेंस रूम विकसित किए जाएंगे। इन सुविधाओं का उपयोग करने के लिए न्यूनतम शुल्क निर्धारित किया जाएगा, जो अन्य राज्य भवनों की तर्ज पर होगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पहले दिल्ली सरकार ने इस बंगले को केंद्र सरकार को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव रखा था, बदले में एकमुश्त आर्थिक सहायता की मांग की गई थी।

हालांकि, केंद्र की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर अब राज्य स्तर पर ही इसका पुनर्विकास किया जा रहा है। वर्तमान में, बंगले की देखभाल के लिए 10 कर्मचारी तैनात हैं, जो इसकी सुरक्षा और रखरखाव सुनिश्चित कर रहे हैं। यह कदम न केवल सरकारी संपत्ति का इष्टतम उपयोग करेगा, बल्कि दिल्ली को एक आधुनिक अतिथि गृह प्रदान करेगा, जहां अन्य राज्यों के प्रतिनिधि बिना किसी असुविधा के रुक सकें। हालांकि, इस बंगले के निर्माण एवं सजावट में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच का सिलसिला जारी है।

वर्ष 2022 में तत्कालीन उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने प्रारंभिक जांच शुरू की थी, जो अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ में है। जांच के बावजूद, सरकार का फोकस बंगले को उत्पादक उपयोग में लाने पर है, ताकि जनता के पैसे का सही लाभ हो। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय दिल्ली की BJP सरकार की पारदर्शिता नीति को मजबूत करेगा और विवादित संपत्ति को सामाजिक हित में बदल देगा।प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलते ही कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा, जिससे दिल्ली में सरकारी अतिथि सेवाओं में क्रांति आ सकती है।

यह कदम न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा, बल्कि ‘शीश महल’ विवाद को भी एक सकारात्मक मोड़ देगा। दिल्ली सरकार ने कहा है कि सभी बदलाव पर्यावरण-अनुकूल और सतत विकास के सिद्धांतों पर आधारित होंगे।

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