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42 की उम्र में मां बनीं कैटरीना कैफ, खुशी का पल और 40+ प्रेग्नेंसी के छिपे जोखिम

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Katrina Kaif

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नई दिल्ली, 12 नवंबर 2025। बॉलीवुड की सुपरस्टार कैटरीना कैफ ने 7 नवंबर 2025 को एक बेटे को जन्म देकर मां बनने का सुख प्राप्त किया। शादी के चार साल बाद 42 वर्षीय कैटरीना और उनके पति विकी कौशल ने इस खुशी का ऐलान इंस्टाग्राम पर एक प्यारे पोस्ट के जरिए किया। पोस्ट में लिखा था, “हमारे जीवन में एक नन्हा सा चमत्कार आ गया है। 7 नवंबर को हमारा बेटा हमारे बीच आया।”

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यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और सेलिब्रिटी दोस्तों जैसे प्रियंका चोपड़ा, अर्जुन कपूर ने बधाई संदेशों की बौछार कर दी। कैटरीना के लिए यह पल बेहद खास है, क्योंकि उम्र के इस पड़ाव पर मातृत्व प्राप्त करना न केवल भावनात्मक रूप से सुखद है, बल्कि कई चुनौतियों से भरा भी। इसी कड़ी में अब चर्चा जोरों पर है कि 40 साल से अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी कितनी सुरक्षित और संभव है।

चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, 35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में फर्टिलिटी यानी गर्भधारण की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ अंडाणुओं (एग्स) की संख्या और गुणवत्ता दोनों में गिरावट आती है, जिससे 40 की उम्र में कंसीव करना बेहद कठिन हो जाता है। सामान्यतः 25-30 साल की महिलाओं में प्रति मासिक चक्र में गर्भधारण की संभावना लगभग 20-25 प्रतिशत होती है, लेकिन 40 वर्ष के बाद यह घटकर महज 5 प्रतिशत रह जाती है।

इसके अलावा, इस उम्र में थायरॉइड, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जो प्रेग्नेंसी को जटिल बना देती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर फैलोपियन ट्यूब्स स्वस्थ हों, एग्स की क्वालिटी अच्छी हो और पार्टनर के स्पर्म सामान्य हों, तब भी IVF या अन्य सहायता प्राप्त तकनीकों की जरूरत पड़ सकती है।

40 वर्ष से ऊपर की प्रेग्नेंसी को ‘हाई रिस्क’ श्रेणी में रखा जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन (गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप), जेस्टेशनल डायबिटीज और सी-सेक्शन डिलीवरी का खतरा अधिक रहता है। मिसकैरेज की संभावना भी 20-30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। डाउन सिंड्रोम, थायरॉइड विकार या अन्य जेनेटिक असामान्यताओं का जोखिम दोगुना हो जाता है।

हालांकि, हर केस में ऐसा जरूरी नहीं, लेकिन स्क्रीनिंग टेस्ट जैसे एम्नियोसेंटेसिस अनिवार्य हो जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, उम्र के साथ शरीर की सहनशक्ति और मांसपेशियों की लचीलापन कम होने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं घटकर 30-40 प्रतिशत रह जाती हैं। अधिकांश मामलों में सी-सेक्शन ही विकल्प बचता है, लेकिन अगर मां और बच्चे की स्थिति सामान्य हो तो नॉर्मल बर्थ भी संभव है।

फिर भी, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 40+ उम्र में प्रेग्नेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को पहले से ही अपनी सेहत पर ध्यान दें। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, वजन नियंत्रण और डॉक्टरी जांच से जोखिमों को कम किया जा सकता है। कैटरीना का केस प्रेरणादायक है, जो दिखाता है कि उन्नत चिकित्सा और सकारात्मक दृष्टिकोण से यह सपना साकार हो सकता है। लेकिन जागरूकता जरूरी है, ताकि भावी मांएं सुरक्षित रहें। बॉलीवुड जोड़ी की यह खुशी न केवल मनोरंजन जगत, बल्कि हर उम्र की महिलाओं के लिए प्रोत्साहन बनेगी।

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