नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025। Kalash Theft Case: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर में 15 अगस्त पार्क के पास जैन समुदाय के धार्मिक समारोह के दौरान हुई एक सनसनीखेज चोरी ने पूरे देश का ध्यान खींचा था। इस घटना में करीब एक करोड़ रुपये की कीमत का सोने और हीरे से जड़ा कलश चोरी हो गया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए मुख्य आरोपी भूषण वर्मा को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया है।
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यह गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई, जिसमें भूषण वर्मा कलश को एक झोले में छिपाकर ले जाते हुए साफ नजर आ रहा था। पूछताछ के दौरान भूषण ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि उसने एक नहीं, बल्कि तीन कलश चोरी किए थे। पुलिस ने अभी तक एक कलश बरामद कर लिया है, जबकि बाकी दो की तलाश में छापेमारी जारी है।
भूषण वर्मा, जो जैन समुदाय से संबंधित नहीं है, ने इस चोरी को बेहद सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया। उसने जैन धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने के लिए धोती और चुन्नी पहनकर खुद को श्रद्धालु के रूप में प्रस्तुत किया। यह घटना 2 सितंबर को उस समय हुई, जब समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी के दौरान स्वागत और सुरक्षा व्यवस्था में अफरातफरी मच गई थी।
भूषण ने इस अव्यवस्था का फायदा उठाया और भीड़ में घुलमिल कर कलश को चुराकर फरार हो गया। चोरी गया कलश 760 ग्राम शुद्ध सोने का था, जिसमें 150 ग्राम हीरे, माणिक्य और पन्ना जड़े हुए थे। यह कलश जैन समुदाय के लिए धार्मिक महत्व का था और इसे विश्व शांति के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया था। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, भूषण वर्मा के खिलाफ पहले से ही चोरी के पांच-छह मामले दर्ज हैं, जो उसे एक पेशेवर अपराधी के रूप में दर्शाते हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 10 टीमें गठित की थीं, जिनमें क्राइम ब्रांच, स्पेशल स्टाफ, एएटीएस और एंटी-नारकोटिक्स सेल शामिल थीं।
सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच के बाद पुलिस ने हापुड़ में छापेमारी कर भूषण को धर दबोचा। पूछताछ में उसने बताया कि इस चोरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनकी तलाश में पुलिस गाजियाबाद और अन्य स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस चोरी ने जैन समुदाय में भारी आक्रोश पैदा किया था, क्योंकि कलश की कीमत से इतर इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
पुलिस का मानना है कि भूषण ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए लंबी योजना बनाई थी। उसने जैन समुदाय की वेशभूषा अपनाकर लोगों को भ्रमित किया और भीड़ का फायदा उठाया। दिल्ली पुलिस जल्द ही इस मामले में औपचारिक बयान जारी कर सकती है। भूषण वर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि वह इस चोरी के पीछे के बड़े राज उगलेगा, जिससे इस सनसनीखेज मामले की और परतें खुल सकती हैं।
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